इस वर्ष की नयी दुर्गा है-कोविड-19 की महामारी में बेरोज़गार, विस्थापित और पैदल घर लौटती हुई मज़दूरिन। लॉकडाउन में सरकारी अव्यवस्था के कारण जो एक करोड़ मजदूर और छोटे-छोटे कामों में लगे लोग विस्थापित हुए, उनका प्रतिनिधित्व करती हुई एक छवि।
साहित्य के नोबेल पुरस्कार में नौ साल बाद कविता की वापसी हुई है और साल 2020 के नोबेल के लिए अमेरिकी कवि लुइस ग्लिक को चुना गया है। साल 2011 में स्वीडन के कवि तोमास ट्रांसत्रोमर को उस समय नोबेल दिया गया था, जब वे लकवे से पीड़ित थे।
‘सबसे ख़तरनाक होता है’ एक ऐसी कविता है जिसे शायद पिछले तीन दशक में जागरूक पाठकों द्वारा सबसे अधिक पढ़ा गया। उसके रचनाकार पाश अगर आज होते तो जीवन के सत्तरवें वर्ष में प्रवेश कर रहे होते।
ऐसा संयोग कम ही होता है कि किसी रचनाकार की हर रचना हमेशा आला दर्जे की, अनोखी और लाजवाब हो और कुछ भी फालतू और कामचलाऊ न लगे। खय्याम ऐसे ही दुर्लभ संयोगों से बने थे।