ऐसे में जब मुसलिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वालों को बचाने की रिपोर्टें लगातार आ रही हैं, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी की ख़ूब तारीफ़ हो रही है। दरअसल, वह पुलिसकर्मी दिल्ली के आदर्श नगर पुलिस थाने के एसएचओ सी पी भारद्वाज हैं। उनको निलंबित कर दिया गया है। क़रीब एक हफ़्ते पहले उन्होंने हिंदुत्ववादियों के एक समूह को दिल्ली में एक फ्लाइओवर पर मज़ार के मौलवी को प्रताड़ित करने से रोका था। यह वीडियो अब तब फिर से वायरल हो गया जब भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है। सवाल है कि आख़िर उन्हें किन आरोपों में निलंबित किया गया?
इसके जवाब में दिल्ली पुलिस का दावा है कि भारद्वाज ने 'ड्यूटी की अवहेलना' की। 'एएनआई' ने भी बुधवार को दिल्ली पुलिस के हवाले से रिपोर्ट दी है कि उस अधिकारी को 'ड्यूटी अनुपालन में लापरवाही और उनके ख़िलाफ़ कई शिकायतों के मद्देनजर निलंबित कर दिया गया है'।
लेकिन सोशल मीडिया पर उस वायरल वीडियो को शेयर करते हुए भारद्वाज की तारीफ़ तो की ही जा रही है, इसके साथ ही उनके ख़िलाफ़ निलंबन की कार्रवाई की आलोचना भी की जा रही है। निलंबन आदेश को वायरल वीडियो से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें अधिकारी उन हिंदुत्ववादियों का सामना करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति गन माइक पकड़े हुए है और मौलवी भगवा गमछा पहने एक युवक को जवाब देते हैं, '...अब ये तो पुल नये बने हैं सन 2009 में। ठीक है न? उससे पहले सन 82 में पुल बने थे जब एशियाई खेल हुए थे।... आपकी उम्र कितनी है?' इस पर वह युवक कहता है, 'अब मैं आपसे पूछता हूँ। आपकी उम्र क्या है?' इस पर जवाब आता है- ' मेरी उम्र 35 साल है।' फिर वह युवक सवाल करता है, 'आप रहते कहाँ हो?' मौलवी कहते हैं- यहीं रहता हूँ। फिर युवक पूछता है, 'यहाँ पर रहते हैं, खाना-पीना कहाँ खाते हैं, बनाते कहाँ पर हैं, बच्चे कहाँ रहते हैं?' इस पर मौलवी कहते हैं कि मंडी में उधर। फिर युवक पूछता है, 'मंडी में आपके बच्चे रहते हैं, आपकी कितनी मज़ारें चल रही हैं....?' तभी एक पुलिसकर्मी बीच में आते हैं।
पुलिसकर्मी उस गन माइक को किनारे करते हुए कहते हैं कि मैं एसएचओ आदर्श नगर हूँ। वह पूछते हैं, 'आपको ये किसने अधिकार दिया है कि आप भारत के नागरिकों पर इस प्रकार दबाव डालें? अगर आपको कोई रिकोर्स (सहारा) लेना है, तो वह क़ानूनी सहारा है'। भारद्वाज युवक से कहते हैं कि आपको यह अधिकार नहीं है कि किसी को आप इस तरह से परेशान करें। फिर युवक के अनुरोध पर कैमरे की ओर देखते हुए, एसएचओ ने कहा,
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सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के अनुसार, दिल्ली सरकार ने ऐसी संरचनाओं (विवादों या शिकायतों) को निपटाने के लिए एक धार्मिक समिति की स्थापना की है। यदि इस महानुभाव को कोई परेशानी है तो इन्हें या इनके प्रतिनिधि को दिल्ली सरकार के पास जाना चाहिए।
सी पी भारद्वाज, एसएचओ, आदर्श नगर
गन माइक पकड़े युवक द्वारा सवाल पूछे जाने पर भारद्वाज कहते हैं, 'आपको पता है, दिल्ली सरकार ने एक धार्मिक समिति बनाई है। जिसमें ऐसे किसी भी प्रकार के स्ट्रक्चर को रिव्यू किया जाता है। हर सेगमेंट से उसके विचार लिए जाते हैं। और अगर ऐसा कोई भी स्ट्रक्चर किसी प्रकार के ट्रांसपोर्ट के फ्लो में बाधा पैदा करता है तो शिफ़्ट किया जाता है।'
बहस के बीच भारद्वाज कहते हैं, 'किसी भी संवैधानिक दायरे में मेरे से बात कीजिए। आप किसी भी व्यक्ति को, किसी भी धार्मिक व्यक्ति को ऐसे परेशान नहीं करेंगे। आपका कोई अधिकार नहीं है। ठीक है न? मैं आपके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करूँगा।' इसके बाद युवक कहता है कि 'हम भी कर सकते हैं।' इस बीच भारद्वाज कहते जाते हैं, 'सख़्त चेतावनी देकर मैं आपको छोड़ रहा हूँ।' इसके बाद भी उस युवक द्वारा बहस करते रहने और क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते रहने पर एसएचओ पुलिस कर्मियों से कहते हुए सुने जा सकते हैं कि लेकर चलो इसको। गाड़ी में बिठाओ।'
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने एसएचओ की लोगों ने जमकर तारीफ़ की है। वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन लिखते हैं- 'मुझे तो आश्चर्य है कि इतना पढ़ा लिखा इंसान दिल्ली पुलिस में अभी तक था कैसे...।'
मुझे तो आश्चर्य है कि इतना पढ़ा लिखा इंसान दिल्ली पुलिस में अभी तक था कैसे. 1995 से दिल्ली में हूं और पुलिस में एक से बढ़ कर एक जाहिल देखे हैं. किसी थाने में या पुलिस के दफ्तर में उन लोगो की आपस की बात सुनिये - पूरा वाट्सऐप का कचरा वहां गिरा मिलेगा. https://t.co/jGmidZVPXH
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) August 11, 2021
विनोद कापड़ी ने बुधवार को लिखा, '..धर्म के फ़र्ज़ी ठेकेदारों और गुंडे-मवालियों को क़ानून और संविधान का पाठ पढ़ाने वाले दिल्ली आदर्श नगर के SHO #CPBhardwaj को सस्पेंड कर दिया गया है। जो संविधान की बात करेगा , उसका यही हाल होगा।'
इससे पहले 4 अगस्त को कापड़ी ने लिखा था, 'संविधान सम्मत और क़ानून के मुताबिक़ काम करने वाले दिल्ली पुलिस के इस SHO को सौ सौ सलाम पर क़ानून के मुताबिक़ काम ना करने वाली सरकार अब इस अफ़सर को छोड़ने वाली नहीं है।'
संविधान सम्मत और क़ानून के मुताबिक़ काम करने वाले दिल्ली पुलिस के इस SHO को सौ सौ सलाम पर क़ानून के मुताबिक़ काम ना करने वाली सरकार अब इस अफ़सर को छोड़ने वाली नहीं है। pic.twitter.com/DkbN3avZAT
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 4, 2021
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