loader
एलएनजेपी में भर्ती रहे एनडीएमसी के रिटायर्ड अफ़सर सुरिंदर कुमार।

दिल्ली: ‘न खाना-न पानी, केवल लाशें’, एलएनजेपी में भर्ती रहे मरीज की आपबीती

‘मैं यहां मर जाऊंगा, यहां मेरे चारों ओर सिर्फ़ लाशें हैं। प्लीज, मुझे घर ले जाओ।’ दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती रहे सुरिंदर कुमार ने यहां के हालात को देखने के बाद अपने परिवार वालों को फ़ोन कर ये बातें कहीं। ये हालात दिल्ली के उस अस्पताल के हैं, जिसे सिर्फ़ कोरोना के मरीजों के लिए ही आरक्षित किया गया है। 

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के रिटायर्ड अफ़सर सुरिंदर कुमार को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 8 जून को एलएनजेपी के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन वहां का हाल देखकर कुमार दहल गए। 

ताज़ा ख़बरें
इससे पहले एलएनजेपी अस्पताल से ऐसे वीडियो सामने आये थे, जिनमें मरीज नग्न अवस्था में बेसुध दिखाई दिए थे और बिस्तरों पर लाशें पड़ी हुई थीं। शायद इन्हीं हालात को देखकर सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा था कि दिल्ली में जानवरों से भी बदतर ढंग से कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है। 

सुरिंदर के बेटे संदीप लाला ने न्यूज़ 18 को बताया, ‘वार्ड ब्वॉय मेरे पापा को ऑक्सीजन देने आया और उसने ऑक्सीजन के मास्क को नाक पर लगाने के बजाए उनके सिर पर रख दिया। जब हमने इसका विरोध किया तो बाउंसर्स ने हमें बाहर फेंक दिया। मुझे पापा को एक बैग तक नहीं देने दिया गया, इस बैंग में उनका खाना और फ़ोन रखा था।’ 

इसके बाद कुमार के परिवार वालों ने उनसे मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें कोई सूचना नहीं मिली। आख़िरकार तीसरे दिन संदीप ने एक स्वीपर को रिश्वत देकर मोबाइल फ़ोन उन तक पहुंचाया। 

मेरी हालत ख़राब कर दी एलएनजेपी वालों ने। कोई इलाज, कोई व्यवस्था नहीं थी। खाने को सिर्फ़ 2 ब्रेड देते थे, पीने को पानी भी नहीं था। मैं अगर 2-4 दिन और रुक जाता तो मैं वहां मर जाता। वहां सब जगह लाशों की लाइन लग रही थी।’


सुरिंदर कुमार ने न्यूज़ 18 से फ़ोन पर कहा।

इस बीच कुमार के परिवार वाले लगातार अस्पताल के हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन करते रहे लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। 11 जून को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार फ़ोन करने के बाद उनके घरवालों को बताया गया कि उनके पिता अस्पताल से भाग गए हैं और पुलिस में गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 

दिल्ली से और ख़बरें

संदीप ने न्यूज़ 18 से कहा, ‘इस बात का पता चलते ही मैं हैरान हो गया। मैं और मेरा भाई अस्पताल पहुंचे। हम दोनों कोरोना वार्ड में घुसे तो देखा कि वहां इस्तेमाल हो रही पीपीई किट बेहद गंदी थीं। 

कई वार्डों में तलाशने के बाद हमें पापा किसी दूसरे वार्ड में मिले।’ काफी बहस के बाद अस्पताल वालों ने सुरिंदर कुमार को घर जाने दिया। 

इस तरह की घटनाओं के बाद दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना के मरीजों के बेहतर इलाज के दावों पर सवाल खड़े होते हैं। 

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। राज्य में अब तक 42,829 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और 1400 लोगों की मौत हो चुकी है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें