loader

तेल के बढ़े दाम पर सोनिया की मोदी को चिट्ठी, कहा- लोगों से मुनाफ़ा वसूलना छोड़ें

देश में डीजल और पेट्रोल के लगातार दाम बढ़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के संकट में जब लोगों की हालत ख़राब है तो सरकार उन लोगों से मुनाफ़ा कमाने में लगी है। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि पिछले एक हफ़्ते से लगातार तेल की क़ीमतें बढ़ाए जाने के पीछे का कोई कारण वह समझ नहीं पा रही हैं। सोनिया गाँधी की इस चिट्ठी को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। 

ट्वीट में लिखा गया है कि सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि तेल की बढ़ी हुई क़ीमतें तुरंत कम की जाएँ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में आई कमी का लाभ नागरिकों को दिया जाए। 

ताज़ा ख़बरें

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में कमी आने के बावजूद देश में आज लगातार दसवें दिन पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें बढ़ीं। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल का दाम बढ़कर 76.73 रुपये प्रति लीटर हो गया और डीजल का दाम 75.19 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गया है। मुंबई में अब पेट्रोल 83.62 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.75 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, चेन्नई में पेट्रोल 80.37, डीजल 73.17, कोलकाता में पेट्रोल 78.55 और डीजल 70.84 रुपये प्रति लीटर पहुँच गया। 

सोमवार को कच्चे तेल की क़ीमत इंटरनेशनल मार्केट में क़रीब 2 फ़ीसदी से ज़्यादा गिर गई। इससे कच्चा तेल 35 डॉलर प्रति बैरल के क़रीब आ गया है। वहीं ब्रेंट क्रूड भी 1.7 फ़ीसदी गिरकर 38.07 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गया है।
राजनीति से और ख़बरें

इन्हीं गिरावटों की तरफ़ संकेत कर सोनिया ने चिट्ठी में लिखा है, 'मुझे इसमें कोई तर्क नहीं दिखाई देता है कि सरकार ऐसे समय में इतनी क़ीमत वृद्धि पर विचार क्यों करेगी जब कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव लाखों लोगों को नौकरियों और आजीविका से वंचित कर रहा हो, व्यवसाय को तबाह कर रहा हो, मध्यम वर्ग की आय को तेज़ी से घटा रहा हो, यहाँ तक ​​कि किसान खरीफ सीजन की फ़सल बोने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।' सोनिया ने लिखा, 

यह देखते हुए कि पिछले सप्ताह की तुलना में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय क़ीमत में लगभग नौ प्रतिशत की गिरावट आई है, सरकार अपने लोगों से मुनाफ़ा कमाने में कोई कमी नहीं कर रही है, जबकि उनकी स्थिति ख़राब है।


सोनिया गाँधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ़-साफ़ लिखा कि सरकार क़ीमतें बढ़ाने की ग़लत सलाह पर क़रीब 2,60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लिखा कि लोगों पर एक अतिरिक्त बोझ डालना न तो तर्कसंगत है और न ही उचित।

सोनिया ने कहा कि पिछले छह वर्षों में तेल की क़ीमतों के ऐतिहासिक रूप से कम होने के बावजूद 12 अलग-अलग अवसरों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि से सरकार का राजस्व 'बड़े पैमाने पर बढ़ा' है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें