loader

शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों के लिए अलग जेल बनाना चाहती थी दिल्ली पुलिस?

दिल्ली पुलिस शाहीन बाग़ के आन्दोलनकारियों के लिए ख़ास जेल बनाने की योजना पर काम कर रही है। राजधानी में नागरिकता संशोधन के ख़िलाफ़ आन्दोलन चलाने वाले तमाम लोगों को इस अस्थाई जेल में रखा जाएगा।
इंडिया टुडे टीवी ने यह ख़बर दी है। उसका कहना है कि रोहिणी में यह जेल बनाने की योजना है और इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सरकार से अनुमति माँगी है।
सम्बंधित ख़बरें

दिल्ली पुलिस की चिट्ठी

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त रोहिणी, एस. मिश्रा ने 29 जनवरी को इस बाबत एक चिट्ठी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव (गृह) को लिखी। हालाँकि दिल्ली पुलिस ने इस तरह की कोई चिट्ठी लिखने से साफ़ इनकार किया है, पर इंडिया टुडे का कहना है कि उसके पास उस चिट्ठी की कॉपी है। इस चिट्ठी में जंगली राम पहलवान स्टेडियम में अस्थाई जेल बनाने की अनुमति माँगी गई है। यह स्टेडियम रोहिणी के खनहावाला इलाक़े के निजमलपुर गाँव में है।
इस ख़त में कहा गया है, ‘नागरिकता संशोधन क़ानून के पारित होने के बाद पूरे दिल्ली में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इसकी संभावना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले कुछ लोग अहिंसक और असंवैधानिक विरोध कर सकते हैं।’
इस चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारी गिरफ़्तारी दे सकते हैं, उन्हें जंगली राम पहलवान स्टेडियम ले जाया जाएगा।
इस चिट्ठी में इसके बाद यह कहा गया है कि इस अस्थाई जेल की बहुत ज़रूरत है और इसलिए इसकी अनुमति दे दी जाए।
मजे की बात यह है कि दिल्ली पुलिस ने इसके बावजूद इससे इनकार किया है। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, मीडिया के एक हिस्से में यह ख़बर चलाई जा रही है कि दिल्ली पुलिस ने अस्थाई जेल बनाने के लिए दिल्ली सरकार से अनुमति माँगी है। यह स्पष्ट किया जा रहा है कि हाल के दिनोें में ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी गई है।
शाहीन बाग़ में एक बार एक आदमी बंदूक के साथ पकड़ा गया और एक बार एक शख़्स ने हवा में गोलियाँ दागी। इसके अलावा आधी रात के बाद एक आदमी ने शाहीन बाग़ में फायरिंग की। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर सुरक्षा की गुहार लगाई। पर सरकार शाहीन बाग़ की महिलाओं के लिए कुछ करने के बजाय उन्हें जेल में डालने की नीति पर काम कर रही है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें