loader

दिल्ली: वॉट्सऐप ग्रुप से फैलाई गई हिंसा, नफ़रत; बाहर से बुलाये गये दंगाई

दिल्ली में दंगों से पहले नफ़रत फैलाने के लिये, भड़काने के लिये हिंदु और मुसलिम दोनों ही समुदायों की ओर से कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाये गये थे। पुलिस की जांच में इस बात का ख़ुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि ये वाट्सऐप ग्रुप 23 और 24 फ़रवरी को बनाये गये। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, इन सभी वाट्सऐप ग्रुप में कई ऐसे पुराने वीडियो को शेयर किया गया जिनका दिल्ली में हुए दंगों से कोई संबंध नहीं था। इस तरह के वीडियो को लोगों को भड़काने के लिये शेयर किया गया। 

अख़बार के मुताबिक़, ऐसे ही एक वीडियो में यह दिखाई देता है कि एक आदमी घी के डिब्बों से बंदूक निकाल रहा है। पुलिस की जांच में पता चला है कि यह पिछले साल की एक घटना का वीडियो है जिसे दंगों से जोड़कर बताया गया। अख़बार के मुताबिक़, इन वाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल लोगों को कहां इकट्ठा होना है, किन घरों और दुकानों को निशाना बनाना है, इसके लिये भी किया गया। 

ताज़ा ख़बरें
एक वरिष्ठ पुलिस अफ़सर ने अख़बार को बताया, ‘हम हिंसा भड़कने के बाद इन लोगों के फ़ोन की लोकेशन पता करके हिंसा में इनके शामिल होने की जांच कर रहे हैं। हमें हत्या के कुछ मामलों में शामिल स्थानीय अपराधियों की भूमिका के बारे में अहम जानकारी मिली है।’ पुलिस अफ़सर ने कहा कि गिरफ़्तार किये गये कुछ लोगों के बारे में पता चला है कि उनके ख़िलाफ़ छिनैती, डकैती और जेबतराशी के मामले भी दर्ज हैं। 

अख़बार ने पुलिस के सूत्रों के हवाले से कहा है कि दयालपुर पुलिस स्टेशन के इलाक़े से दंगों के आरोप में 10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान यह पता चला है कि जब इन लोगों ने सुना कि उनके समुदाय के लोगों के घरों पर हमला किया जा रहा है तो उस दौरान वे शेरपुर चौक पर खड़े थे। इसके बाद इन लोगों ने पत्थरबाज़ी, गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी और कई दुकानों में आग लगा दी। 

पुलिस अफ़सर ने कहा कि कार को आग लगाने से पहले ये लोग कार में लगे चिन्हों से यह पता करने की कोशिश करते थे कि उस व्यक्ति का धर्म क्या है। अफ़सर ने कहा, ‘गिरफ़्तार किये गये लोगों ने बताया है कि कार में आग लगाने से पहले वे लोग इस बात की जांच करते थे कार में क्या कहीं कोई नाम लिखा गया है या कोई मूर्ति रखी गई है।’

इन वाट्सऐप ग्रुप में दोनों ही समुदायों की ओर से कहा गया कि वे लोग अपनी जान बचाने के लिये घरों से बाहर निकलें। इन ग्रुप्स में कुछ ऑडियो मैसेज भी भेजे गये जिनमें लोग अपने इलाक़े में तोड़फोड़ किये जाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। 

दिल्ली से और ख़बरें

लोनी से बुलाये गये मोटे-तगड़े लोग 

पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि इलाक़े के स्थानीय नेताओं ने लोनी और ग़ाज़ियाबाद से 24 फ़रवरी की रात को मोटे-तगड़े लोगों को बुलाया था। अख़बार के मुताबिक़, पुलिस ने इनमें से कुछ लोगों की पहचान की है और स्थानीय लोगों से पूछताछ करके और जानकारी जुटाई जा रही है। 

संबंधित ख़बरें

पुलिस का कहना है कि जब ये मोटे-तगड़े लोग उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाक़ों में पहुंचे तो वे 20-25 लोगों के समूह में अलग-अलग हो गये। इन सभी ग्रुप में दो से तीन स्थानीय लोगों को भी रखा गया। इन्हें इसलिये रखा गया क्योंकि वे उस समुदाय के घरों या दुकानों के बारे में इन मोटे-तगड़े लोगों को बता सकें जिन्हें निशाना बनाया जाना था। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने जिले के सभी 13 पुलिस स्टेशन के अफ़सरों से उनके इलाक़े के अपराधियों की सूची देने को कहा है। पुलिस ने कहा है कि अभी तक दिल्ली के दंगों को लेकर 436 एफ़आईआर दर्ज की गई हैं, 34 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और 1427 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें