loader

जेएनयू में दर्जनों नकाबपोशों ने छात्रों-शिक्षकों पर किया हमला, छात्रसंघ अध्यक्ष घायल

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम को हिंसा भड़क गई। दर्जनों नकाबपोश लोगों ने कैंपस में छात्रों और अध्यापकों पर हमला कर दिया। इसमें विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष गंभीर रूप से घायल हो गईं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार क़रीब 50 गुंडे कैंपस में घुसे और तोड़फोड़ करने लगे। उन्होंने कारों में तोड़फोड़ की और लोगों पर हमले भी किए। छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि 'मास्क पहने गुंडों द्वारा मुझ पर घातक हमला किया गया। मेरी बुरी तरह पिटाई की गई।' घटना के बार छात्रसंघ ने एबीवीपी पर हिंसा करने का आरोप लगाया है, जबकि एबीवीपी ने कहा है कि इसके सदस्यों पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया है।

सोशल मीडिया पर जेएनयू छात्रों ने दावा किया कि गुंडों का एक झुंड कैंपस के अंदर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया। इसमें छात्रसंघ अध्यक्ष गंभीर रूप से घायल हो गईं। छात्रसंघ के अनुसार हमलावर हाथों में रॉड लिए हुए थे और फीस बढ़ोतरी का विरोध करने वाले छात्रों को पीटा गया।

एनडीटीवी के अनुसार, एक प्रोफ़ेसर अतुल सूद ने कहा कि संपत्ति को नुक़सान पहुँचाते हुए हमलावरों ने बड़े-बड़े पत्थर फेंके और वे होस्टल में घुस गए। 

jnu student union attacked by goons - Satya Hindi
ट्विटर पर छात्रसंघ के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, 'जो प्रोफ़ेसर हमें बचाने की कोशिश कर रहे थे उन्हें भी पीटा गया है। ये सभी अज्ञात एबीवीपी के गुंडे हैं, सभी छात्र नहीं हैं, वे अपना चेहरा छुपाए हुए थे, वे पश्चिमी गेट के पास होस्टल की ओर बढ़ रहे हैं। सावधान रहें। मानव चेन बनाएँ और एक-दूसरे को बचाएँ।'

जेएनयू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने लिखा, 'एबीवीपी के हमलावर कोयना होस्टल में घुस गए। यह पूरी तरह महिला होस्टल है। छात्राएँ और मेस की कर्मचारी सभी डरे-सहमे से हैं। आतंकी दरवाज़े को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।'

एक अन्य ट्वीट में इस ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, 'पुलिस जेएनयू में एबीवीपी को छात्रों पर हमला करने में सहायता कर रही है। हमें सहायता चाहिए।...जेएनयू के उत्तरी गेट पर पुलिस छात्रों से कह रही है कि वे भारत माता की जय के नारे लगाएँ।...'

जबकि एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि उसके सदस्यों पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया है। एबीवीपी ने ट्वीट किया, 'एबीवीपी के सदस्यों पर वामपंथी छात्र संगठनों- एसएफ़आई, एआईएसए और डीएसएफ़ से जुड़े छात्रों ने हमला किया। क़रीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं और 11 छात्रों का पता नहीं चल रहा है। कई एबीवीपी छात्रों पर हॉस्टलों में हमला किया गया और वामपंथी गुंडों द्वारा हॉस्टलों में तोड़फोड़ की गई।'

जेएनयू प्रशासन ने शांति की अपील की है। रजिस्ट्रार की ओर से जारी मैसेज में कहा गया है, 'जेएनयू प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बुलाया है। असामाजिक तत्वों से निपटने का प्रयास किया जा रहा है।'

ताज़ा ख़बरें
इस हिंसा को लेकर मार्क्सवादी पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने आरएसएस और बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह जो हिंसा है ऐसा ही भारत ये दोनों संगठन बनाना चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'नकाबपोश हमलावर जेएनयू में घुसे जबकि क़ानून को लागू करने वाले खड़े रहे। यह वीडियो वह है जिसमें आरएसएस/बीजेपी भारत को बदलना चाहते हैं। उन्हें ऐसा करने में सफल नहीं होने देंगे।'
बता दें कि विश्वविद्यालय में फीस में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ छात्र क़रीब 70 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें छात्रों और प्रशासन के बीच विवाद रहा है। छात्रों के प्रदर्शन के कारण जेएनयू के कई संकाय बंद भी रहे हैं। इस बीच आज ही एबीवीपी और प्रशासन रजिस्ट्रेशन शुरू करने के लिए बंद गेट को खोलना चाहते थे। इस कारण फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे वामपंथी विचार वाले छात्रों के साथ उनकी झड़प भी हुई थी। 
दिल्ली से और ख़बरें

जेएनयू में सरकारी संरक्षण में हिंसा: कांग्रेस

जेएनयू में हिंसा की घटना पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृद्धि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी संविधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई। आज जवाहर लाल नेहरू में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में!'

'छात्र सुरक्षित नहीं तो देश कैसे आगे बढ़ेगा?'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'जेएनयू में हुई हिंसा को जानकर मैं बहुत आहत हूँ। छात्रों पर बेरहमी से हमला किया गया। पुलिस को तुरंत हिंसा को रोकना चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए। अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा?'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें