सरकार एक इंच भी पीछे नहीं हटने की बात कहती है और शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी आधा इंच भी पीछे हटने के लिये तैयार नहीं हैं। ऐसे में किस तरह इस मुद्दे का समाधान निकल पायेगा।
दिल्ली विधान सभा के इस चुनाव में बीजेपी के अभियान की कमान पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में थी। चुनाव प्रचार के जितने भी तीर उनके पास थे सब चलाए गए। पर नतीजा उनके पक्ष में नहीं आया।
जेएनयू में नकाबपोशों के हमले की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिन इस मामले में अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हो पाई है और पुलिस चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला योजना व दूसरी योजनाओं से जिन महिलाओं को अपनी मुरीद बना लिया था क्या उन्हें अब केजरीवाल ने एक झटके में अपनी तरफ़ कर लिया है?