loader

दिल्ली: हज हाउस बनाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन, बीजेपी भी विरोध में उतरी

दिल्ली के द्वारका इलाक़े में हज हाउस बनाने के ख़िलाफ़ हिंदू संगठन जोर-शोर से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हें समर्थन देने के लिए बीजेपी के नेता भी आगे आए हैं। इसे लेकर खासा हंगामा चल रहा है लेकिन सवाल यह है कि आख़िर हज हाउस का विरोध क्यों किया जा रहा है?

यह हज हाउस द्वारका के सेक्टर 22 में एक खाली जगह पर बनाया जाना है। हज हाउस का विरोध करने वालों में सबसे आगे यहां की आरडब्ल्यूए के लोग हैं। ऑल द्वारका रेजिडेंट्स फ़ेडरेशन ने इस बारे में उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर उनसे हज हाउस के लिए दी गई ज़मीन के आवंटन को रद्द करने की मांग की है। 

ताज़ा ख़बरें

पत्र में फ़ेडरेशन ने इस बात की आशंका जताई है कि अगर यहां पर हज हाउस बनता है तो इससे यहां की शांति और भाईचारा ख़राब हो सकता है और दंगे होने, हिंदुओं के पलायन की भी संभावना है। पत्र में कहा गया है कि यहां शाहीन बाग़, जाफराबाद और कश्मीर जैसे हालात बन सकते हैं।  

विरोध कर रहे लोगों ने प्रदर्शन के दौरान जय श्री राम, हिंदू एकता और हज हाउस यहां नहीं बनेगा के नारे लगाए। लोगों ने हाथ में प्लेकार्ड लिए हुए थे, जिनमें लिखा था, ‘हज हाउस ही क्यों, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल क्यों नहीं?’ प्रदर्शन में आसपास के कई गांवों के प्रधान भी मौजूद रहे। 

लोगों के बीच में पहुंचे दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि इस इलाक़े में मुसलिम समुदाय के लोग रहते ही नहीं हैं और जो लोग यहां रहते हैं वे चाहते हैं कि हज हाउस की जगह यहां कॉलेज या अस्पताल बना दिया जाए, तो फिर हज हाउस क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह इस मांग में दिल्ली देहात के लोगों के साथ खड़े हैं। 

इस हज हाउस का शिलान्यास 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने किया था। इसके बाद 2018 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसके लिए 94 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। 

हज हाउस बनने पर यहां के लोगों की ओर से जो आशंकाएं जताई गई हैं, उनका सिर-पैर नहीं दिखाई देता। हज हाउस में आने वाले लोगों और स्थानीय लोगों के बीच आख़िर क्यों कोई झगड़ा होगा, क्यों दो समुदायों के लोग आपस में उलझेंगे, हज हाउस में नियुक्त लोग अपना काम करेंगे और स्थानीय लोग अपना। 

हां, कोई मन में किसी समुदाय के लिए नफ़रत पाले बैठा है तो ऐसे लोग लड़ेंगे भी और लड़ाएंगे भी। 

दिल्ली से और ख़बरें

बीजेपी के नेता क्यों कूदे?

बीजेपी के नेताओं का इस प्रदर्शन में कूदने का क्या मतलब है। इसे समझने के लिए 2020 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करना होगा। इस चुनाव के दौरान बीजेपी के तमाम नेताओं ने शाहीन बाग को निशाने पर रखा था और मुसलिम समुदाय के लोगों के ख़िलाफ़ ख़ूब वाहियात बयान दिए थे। उन्होंने कोशिश थी कि चुनाव में हिंदू मतों का ध्रुवीकरण होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ उन दिनों धरना दिया जा रहा था। 

हज हाउस वाले मामले में भी कूद कर बीजेपी ध्रुवीकरण करना चाहती है, जिससे अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के चुनाव में उसे फ़ायदा मिल सके। बावजूद इसके कि 2020 में उसका यह हथकंडा फ़ेल हो चुका है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें