loader

मोदी को आठ सौ विशेषज्ञों की चिट्ठी, लॉकडाउन के बाद बढ़ सकता है संक्रमण

वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और अकादमी से जुड़े लोगों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर आशंका जताई है कि लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है और अधिक लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि इसे देखते हुए सरकार को अधिक लोगों की जाँच करनी चाहिए और मज़दूरों को राहत देने के उपाय करने चाहिए।

क्या है चिट्ठी में?

आठ सौ से अधिक विशेषज्ञों ने नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि सरकार को अब लॉकडाउन के बाद की स्थिति के बारे में सोचना चाहिए।
देश से और खबरें
उन्होंने कहा है कि सरकार ने लॉकडाउन का एलान कर उन लोगों को तो अपने-अपने घरों में बंद कर दिया जो आर्थिक रूप से ऐसा करने में सक्षम थे, पर ग़रीबों और असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों को आर्थिक बदहाली का सामना करने के लिए छोड़ दिया।

इनकी जाँच तो हुई ही नहीं!

वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि लॉकडाउन अपने आप में कोई उपचार नहीं है, इससे बस इतना हो सकता है कि आपको कुछ समय मिल जाता है जिसमें आप स्वास्थ्य से जुड़ी तैयारियाँ कर लेते हैं। इसके बाद संक्रमण तेज़ी से फैल सकता है, अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। 
इन वैज्ञानिकों ने सरकार और इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रीसर्च (आईसीएमआर) से यह भी कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह को मानते हुए अधिक से अधिक लोगों की जाँच की जाए।
इन लोगों ने कहा है कि देश के अंदर लाखों  लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने से संक्रमण फैलने का ख़तरा बढ़ रहा है। ये लोग जिन जगहों पर लौट रहे हैं, वहाँ पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। इसलिए बड़े पैमाने पर लोगों के जाने से मानवीय संकट तो खड़ा हो ही रहा है, स्वास्थ्य संकट भी बढ़ सकता है। 

लॉकडाउन पर सरकार की खिंचाई

लॉकडाउन के मुद्दे पर सरकार की आलोचना पहले से ही हो रही है। राज्य सरकारों से राय मशविरा किए बग़ैर लॉकडाउन का एलान कर देने और उसके बाद होने वाली गड़बड़ियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले तेज़ हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री भूपेश बघेल खुल कर सामने आ गए हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर मोदी की तीखी आलोचना की है।
बघेल ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार ने न तो लॉकडाउन के एलान करने के पहले हमारी राय ली और न ही वह इस मामले से ठीक से निपट सकी है। केंद्र सरकार की ख़राब योजना का बुरा नतीजा हमें भुगतना होगा।’ 

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ज़ोरदार हमला करते हुए कहा है कि पहले से योजना बनाए बग़ैर लॉकडाउन करने की वजह से अफरातफरी मची है और लोगों को दिक्कतें हो रही हैं।

उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि सबसे ज़्यादा दिक्क़तें समाज के सबसे ग़रीब और असहाय  लोगों को ही हो रही हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें