loader

तानाशाही के ख़िलाफ़ खड़े हैं हम गांधीवादी, नहीं झुकेंगे: राहुल

राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने हमलावर रूख़ अपना लिया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने इन सांसदों से माफ़ी मांगने के लिए कहा है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा है कि हम गांधीवादी लोग तानाशाही के ख़िलाफ़ खड़े हैं और हम नहीं झुकेंगे। सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल लगातार बैठक कर रहे हैं और उन्होंने संसद परिसर में प्रदर्शन भी किया है। प्रदर्शन में कई दलों के सांसद शामिल रहे। 

इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में लगातार हंगामा हो रहा है और सरकार से निलंबन को वापस लेने की मांग की गई है। 

ताज़ा ख़बरें

मॉनसून सत्र के दौरान राहुल गांधी ने पेगासस जासूसी मामले और कृषि क़ानूनों को लेकर सरकार को घेरा था। उस दौरान भी संसद के दोनों सदनों में खासा शोरगुल हुआ था। इस बार भी लगता है कि जब तक निलंबन वापस नहीं होगा, विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहेगा। 

राहुल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था, “किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!।” सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर कांग्रेस ने मंगलवार को पूरे दिन के लिए लोकसभा सत्र का बहिष्कार कर दिया था और राज्यसभा से विपक्षी दलों ने वॉक आउट किया था। 

लोकसभा में कांग्रेस के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से कहा कि महीनों पहले हुई घटना को लेकर अब कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बहुमत का बाहुबल दिखा रही है। 

Against dictatorship we Gandhiwadi stand rahul gandhi on suspension of Rajya Sabha MPs - Satya Hindi
वॉक आउट करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा  एनसीपी, आम आदमी पार्टी, डीएमके, समाजवादी पार्टी,आरजेडी, वाम दलों के सांसद शामिल रहे। इस दौरान सांसदों ने लोकतंत्र में हिटलरशाही नहीं चलेगी औऱ लोकतंत्र की हत्या मत करो जैसे कई नारे लगाए। 
संसद सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ था और इसी के बीच कृषि क़ानूनों को रद्द करने का बिल दोनों सदनों में पास हुआ था। 12 सांसदों के निलंबन को लेकर शीतकालीन सत्र भी खासा गर्म रहेगा, इस बात की पूरी संभावना है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें