loader

बाबरी विध्वंस पर फ़ैसले को चुनौती देगा मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुसलिम पर्सल लॉ बोर्ड ने दो अहम फ़ैसले किए हैं, जिनसे उसकी मौजूदा सरकार से ठननी तय है। बोर्ड ने कहा है कि वह बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई विशेष अदालत के फ़ैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगा। दूसरे, उसने यह भी फ़ैसला लिया है कि वह समान नागरिक संहिता यानी यूनिवर्सल सिविल कोड के ख़िलाफ़ जन-जागरण अभियान चलाएगा।
याद दिला दें कि पिछले महीने विशेष सीबीआई अदालत ने 28 साल बाद सुनाए गए फ़ैसले में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि घटना पूर्व- नियोजित नहीं, स्वत:स्फूर्त थी। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं दे पाया। बचाव पक्ष की यह दलील मानी गई कि यह लोग भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे थे। सीबीआई की विशेष अदालत के जज एसके यादव यह फ़ैसला सुनाया।
ख़ास ख़बरें
इस मामले में 32 लोग अभियुक्त हैं। इनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, साक्षी महाराज, बृज भूषण शरण सिंह और उमा भारती भी शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद या संघ परिवार का ढाँचा गिराने में कोई योगदान नहीं था और कुछ अराजक तत्वों ने मसजिद को गिरा दिया था। अदालत ने कहा कि ये लोग साजिश में शामिल नहीं थे और उग्र भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
बाबरी मसजिद विध्वंस पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का क्या कहना है,देखें यह वीडियो। 
एक दूसरे महत्वपूर्ण फ़ैसले में बोर्ड ने कहा है कि वह यूनिवर्सल सिविल कोड के ख़िलाफ अभियान चलाएगा। बोर्ड के सदस्य ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा, 'भारत कई सभ्यताओं व व संस्कृतियों का देश है, ऐसे में यूनिवर्सल सिविल कोड लागू करना ग़लत होगा।'
उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एक जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें