मतलब यह कि वर्मा अब सीबीआई प्रमुख का कार्यभार संभालेंगे। हालाँकि कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्मा अभी नीतिगत फ़ैसले नहीं ले सकेंगे।
Supreme Court reinstates Alok Verma as CBI Director after setting aside the Central Vigilance Commission (CVC) October 23 order.
— ANI (@ANI) January 8, 2019
CBI Director Alok Verma's plea: Supreme Court says, the government should have referred to the Select Committee consisting of the Chief Justice of India, Prime Minister and Leader of Opposition to initiate Alok Verma’s removal.
— ANI (@ANI) January 8, 2019
आलोक वर्मा के वकील ने कहा- हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा था। इस फ़ैसले ने यह साबित किया है कि जब तक कोर्ट है तब तक किसी के साथ कुछ ग़लत नहीं होगा।
6 दिसंबर को हुई सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ़ की पीठ ने आलोक वर्मा और कॉमन कॉज की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रखा था। याचिका में एसआईटी जाँच की माँग के साथ ही सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने के फ़ैसले को चुनौती दी गई थी।
Mallikarjun Kharge, Congress on SC's verdict on Alok Verma plea: We're not against one individual, welcome SC's judgement, it's a lesson for govt. Today you'll use these agencies to pressurise people, tomorrow somebody else will, What will happen to democracy then? pic.twitter.com/sAHEvuYNf8
— ANI (@ANI) January 8, 2019
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