loader

सोनिया-राहुल बताएं, वे गुपकार गठबंधन के साथ हैं या नहीं: शाह

कश्मीर में धारा 370 की बहाली का दम भर रहे गुपकार गठबंधन को लेकर कांग्रेस बुरी तरह फंस गई है। बिहार में चुनावी रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की वापसी चाहती है। इसके बाद बिहार के नतीजों में कांग्रेस को निराशा मिली और बीजेपी ने अपने हमलों को और तेज़ कर दिया। 

कश्मीर में डीडीसी यानी डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल के चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज़ हैं। इन चुनावों में गुपकार गठबंधन मिलकर अपने उम्मीदवार उतार रहा है और उसका सीधा मुक़ाबला बीजेपी से है। 

ताज़ा ख़बरें

कांग्रेस की परेशानी 

गुपकार गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी, जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स, पीपल्स मूवमेंट पार्टी, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और सीपीआई (एम) शामिल हैं। गुपकार गठबंधन के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का भी समर्थन उनके साथ है लेकिन इसे लेकर स्थिति उहापोह वाली है क्योंकि कांग्रेस इससे इनकार कर रही है। दरअसल, कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में बीजेपी के द्वारा धारा 370 को लेकर उसके स्टैंड को बड़ा मुद्दा बनाए जाने से परेशान है। 

बीजेपी ने कश्मीर से धारा 370 को हटाने के मुद्दे को देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता से जोड़ा है और वह लगातार कांग्रेस पर हमले कर रही है और पूछ रही है कि कांग्रेस साफ करे कि वह गुपकार गठबंधन के साथ है या नहीं।

गुपकार गैंग बताया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को धुआंधार ट्वीट करते हुए कहा, ‘कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और उथल-पुथल वाले दौर में वापस ले जाना चाहता है। ये लोग दलितों, महिलाओं और आदिवासियों के अधिकारों को छीन लेना चाहते हैं, जिन्हें हमने धारा 370 को हटाकर उन्हें दिलाना सुनिश्चित किया है।’ 

शाह ने हालिया बिहार चुनाव और उपचुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा है कि यही कारण है कि लोग उन्हें हर जगह ख़ारिज कर रहे हैं। 

शाह ने कहा कि गुपकार गैंग ग्लोबल होता जा रहा है और ये लोग चाहते हैं कि विदेशी ताक़तें जम्मू-कश्मीर में दख़ल दें। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा है कि क्या वे गुपकार गैंग के क़दमों का समर्थन करते हैं। शाह ने कहा है कि उन्हें भारत के लोगों के सामने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। 

Amit shah attacks on congress in gupkar alliance issue - Satya Hindi

जम्मू और कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुए शाह ने कहा कि भारत के लोग देश के राष्ट्रीय हितों के ख़िलाफ़ बने वैश्विक गठबंधन को लंबे वक़्त तक बर्दाश्त नहीं करेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि या तो गुपकार गैंग देश के मूड के हिसाब से चले वरना लोग इसे डुबो देंगे। 

संबित बोले- गुप्तचर गठबंधन 

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को गुपकार गठबंधन को गुप्तचर गठबंधन बताते हुए कहा था कि इस गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है और उसका एक ही एजेंडा है- कश्मीर में धारा 370 को वापस लाना। पात्रा ने कहा कि महबूबा ने कहा है कि वह तिरंगा नहीं उठाएंगी और तिरंगा उठाने नहीं देंगी। 

कांग्रेस ने किया किनारा

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने कहा है कि उनकी पार्टी गुपकार गठबंधन या गुपकार घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं है। हालांकि पार्टी ने कहा है कि वह डीडीसी के चुनावों में सीटों के बंटवारे के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत कर रही है। 

देश से और ख़बरें
पीटीआई के मुताबिक़, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि पार्टी का एक समूह हालात को परखने के बाद इस बारे में अंतिम फ़ैसला लेगा। शर्मा ने कहा है कि पार्टी अपने सिद्धांतों और लोगों की भावनाओं के साथ किसी भी क़ीमत पर समझौता नहीं करेगी। 
राज्य में डीडीसी के अलावा, पंचायत और स्थानीय निकायों के उपचुनाव भी होने हैं। ये चुनाव 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में होंगे।
कुछ दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेन्स के नेता फारूक़ अब्दुल्ला को गुपकार गठबंधन का अध्यक्ष और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती को उपाध्यक्ष बनाया गया था। जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स के प्रमुख सज्जाद लोन को गठबंधन का प्रवक्ता बनाया गया था। फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने संघर्ष का एलान करते हुए कहा था कि 5 अगस्त, 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर की जो स्थिति थी, उसे फिर से बहाल करने के लिए संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है और इसे हर हाल में बदलना होगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें