loader

सीपीआईएम महासचिव के बेटे की मौत का मखौल उड़ाया बीजेपी नेता ने

देश में कितना ज़हर घोल दिया गया है और भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने विरोधियों को निशाने पर लेने के लिए किस हद तक जा सकते हैं, इसका एक और उदाहरण देखने को मिला है। बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक मिथिलेश कुमार तिवारी ने सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी के बेटे की मौत पर उनका मखौल उड़ाते हुए बेहद संवेदनहीन टिप्पणी की है। 

तिवारी ने ट्वीट कर येचुरी को 'चीन का समर्थक' क़रार दिया है और कहा है कि उनके बेटे की मौत 'चीनी कोरोना' से हुई है। 

उन्होंने ट्वीट किया है, 'चीन का समर्थक सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के बेटे आशीष येचुरी का चाइनीज कोरोना से निधन।'
BJP leader insensitive tweet over sitaram yechuri son ashish yechuri corona death - Satya Hindi

तीखी प्रतिक्रिया

जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए लिखा है, 'आप बीजेपी पर भरोसा कर सकते हैं जिसके लोग इतने नीचे उतर सकते हैं कि उसके नीचे से साँप भी नहीं रेंग सकता।' 

दीपंकर भट्टाचार्य

सीपीआईएमएल लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ट्वीट कर कहा कि 'सीताराम येचुरी के बेटे की मौत पर खुश होने वाले यह महाशय बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री हैं। कल हमने देखा कि बीजेपी के लोग कवि शंख घोष की  मौत पर खुशियाँ मना रहे थे। कोविड से होने वाली तबाही से ये परपीड़क लोग इतने खुश हैं।' 
एसआरपी नामक ट्विटर यूजर (@SRP33415157) ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जे. पी. नड्डा से अपील की है कि तिवारी के ख़िलाफ़ कार्यवाही करें। 
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े कष्ण मोहन शर्मा ने बीजेपी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि बीजेपी का संस्कार देखिए कि मिथिलेश कुमार तिवारी को जरा भी शर्म नहीं है।
कृपा पार्टी के विश्वनाथ राउत ने इस पर गहरा दुख जताया है कि येचुरी के बेटे के निधन पर उन्हें चीन समर्थक बताया और कहा कि चीनी कोरोना से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि यह मानसिक रोग का लक्षण है। 

तिवारी का दावा-हैंडल हैक हो गया

चौतरफा आलोचना के बाद तिवारी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और दावा किया कि किसी ने उनका ट्विटर हैंडल हैक कर यह संवेदनहीन टिप्पणी की है। लेकिन सवाल यह भी है कि यदि किसी ने ट्विटर हैंडल हैक किया है तो वह कैसे ट्विट कर रहे हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें