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कोरोना: मोदी जी, एमपी बीजेपी के नेताओं को समझाइये ‘जनता कर्फ्यू’ का मतलब

गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ रखे जाने की अपील की थी। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा था कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिये लोग सोशल डिस्टेंसिंग का तरीक़ा अपनायें। इसका सीधा मतलब है कि लोग जितना हो सके, एक-दूसरे से कम मिलें और अगर मिलें तो भी दूरी बनाये रखें। लेकिन लगता है कि बीजेपी के नेता इस महामारी के फैलने को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं। 

इस वायरस के लगातार फैलने के कारण केंद्र सरकार ने 65 साल से ज़्यादा उम्र के व्यक्तियों और 10 साल से छोटे बच्चों को घर से बाहर न जाने के लिये कहा है। कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज, जिम, बाज़ारों को बंद कर दिया गया है। बेहद भयावह हालात हैं और अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज उपलब्ध न होने के कारण लोगों को एक-दूसरे से कम से कम संपर्क रखने के लिये कहा गया है। 

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इस सबके बीच मध्य प्रदेश से हैरान करने वाली तसवीरें सामने आई हैं। मध्य प्रदेश में शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ़्लोर टेस्ट से पहले ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। बीजेपी नेताओं ने राज्य में अपनी सरकार बनने की संभावना को लेकर जमकर जश्न मनाया। जश्न मनाने वाली तसवीरों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ खड़े दिख रहे हैं।  

BJP leaders avoiding Coronavirus instructions what about Janata curfew - Satya Hindi
जश्न मनाते शिवराज सिंह चौहान व अन्य नेता।
जश्न मनाने के दौरान बीजेपी नेता यह भूल गये कि दुनिया इस वक़्त एक महामारी का सामना कर रही है। ऐसे में उन्हें जो ज़रूरी सावधानी है, वह तो रखनी ही चाहिए। निश्चित रूप से जब फ़ोन कॉल, टीवी, इंटरनेट के माध्यम से सरकार देश के हर नागरिक से एहतियात रखने को, दूरी बनाये रखने को कह रही है, ऐसे में बीजेपी नेता एक-दूसरे से गले मिलने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। 
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हमारे सामने बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर का ताज़ा मामला सामने है। कनिका कपूर के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से देश भर में हड़कंप मचा हुआ है। कनिका के साथ एक पार्टी में मौजूद दुष्यंत सिंह और उनकी मां राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ख़ुद को क्वरेंटीन कर लिया है। दुष्यंत के संपर्क में आने वाले कई सांसदों और उस पार्टी में मौजूद रहे लोगों ने भी ख़ुद को क्वरेंटीन कर लिया है। इनमें बीजेपी सांसद वरुण गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित कई नाम शामिल हैं। 

इतने गंभीर हालात में भी बीजेपी नेता सैकड़ों की भीड़ में गलबहियां कर रहे हैं। उन्हें जश्न मनाने से किसी ने नहीं रोका है लेकिन उनके जश्न के चलते पूरे राज्य या फिर पूरे देश के लोगों की जान ख़तरे में पड़ जाये, इसे क़तई जायज नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे में प्रधानमंत्री का ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान कैसे सफल होगा क्योंकि ख़ुद बीजेपी के नेता सत्ता की महक आते ही बेहोश हो गये हैं और ‘जनता कर्फ्यू’ के आह्वान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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क़मर वहीद नक़वी

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