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प्रतीकात्मक तसवीर।

भर्ती घोटाले में मेजर, कर्नल सहित सेना के 17 अफ़सरों के नाम: सीबीआई

सेना भर्ती घोटाले में सीबीआई ने मेजर, लेफ़्टिनेंट कर्नल, कर्नल सहित 17 अफ़सरों के नाम सामने आए हैं। इनके अलावा 6 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की गई है। इन 23 लोगों के नाम तब आए जब सीबीआई ने सोमवार को 13 शहरों में 30 जगहों पर छापे मारे। आरोप है कि सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से भर्ती में घूस और अनियमितता का मामला चल रहा था और इसी मामले में यह कार्रवाई की गई है। 

सीबीआई ने कहा है कि आरोपियों में जिनके नाम हैं उनमें पाँच लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर, एक लेफ्टिनेंट स्तर के अधिकारी शामिल हैं। 

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सीबीआई की एफ़आईआर ब्रिगेडियर (सतर्कता) वीके पुरोहित की एक शिकायत पर आधारित है। उसमें आरोप लगाया गया है कि नई दिल्ली में बेस अस्पताल में 28 फ़रवरी, 2021 को अस्थायी रूप से अस्वीकार किए गए अधिकारी उम्मीदवारों से मामला जुड़ा है। शिकायत में कहा गया है कि उन उम्मीदवारों की मेडिकल जाँच की समीक्षा की मंजूरी के लिए रिश्वत लेने में सेवारत कर्मियों की कथित संलिप्तता के बारे में एक जानकारी मिली थी।

केंद्रीय जाँच एजेंसी ने कहा है कि अतिरिक्त महानिदेशक (अनुशासन और सतर्कता), एडजुटेंट जनरल की शाखा, रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय (सेना) के कार्यालय से एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। 

सीबीआई द्वारा जिन वरिष्ठ अफ़सरों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है उनमें आर्मी एयर डिफेंस कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट कर्नल एमवीएसएनए भगवान हैं; सेवा चयन केंद्र, कपूरथला के लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह; 6 माउंटेन डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट, बरेली के लेफ्टिनेंट कर्नल वाई एस चौहान; लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा, संयुक्त निदेशक, डीजी भर्ती, नई दिल्ली; लेफ्टिनेंट कर्नल विनय, जीटीओ, चयन केंद्र दक्षिण, बेंगलुरु; और मेजर भावेश कुमार, जीटीओ, चयन केंद्र उत्तर, कपूरथला।

सीबीआई ने जिन जगहों पर तलाशी ली है उनमें दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, कपूरथला, बठिंडा, कैथल, पलवल, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जोरहाट और चिरांगोन शामिल हैं।

'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल एमवीएसएनए भगवान भर्ती रैकेट के मास्टरमाइंड हैं। कई निचली रैंकिंग वाले सेना के आरोपी अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम भी एफ़आईआर में हैं।

शिकायत के अनुसार, नायब सूबेदार कुलदीप सिंह ने एसएसबी की परीक्षाओं के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान से 'पैसे के बदले में' अभ्यर्थियों के लिए सहायता मांगी। कुलदीप सिंह ने भी कथित तौर पर सेवा चयन बोर्ड में बेटे के चयन के लिए हवलदार पवन कुमार से घूस ली। 

मेजर भावेश कुमार पर 10-11 उम्मीदवारों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है, जबकि लेफ्टिनेंट नवजोत सिंह पर आरोप है कि उन्होंने नायब सूबेदार कुलदीप सिंह के माध्यम से लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान को 10 लाख रुपये की रिश्वत दी थी।

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भारतीय सेना ने एक बयान में कहा है, 'भारतीय सेना में उपयुक्त उम्मीदवारों के चयन की भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्ट आचरण के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाती है। सेना की खुफिया एजेंसियों द्वारा एक सक्रिय ऑपरेशन के आधार पर, सेवा चयन केंद्र में चयन प्रक्रियाओं में संभावित कदाचार का मामला सामने आया है। चूँकि जाँच के दायरे में नागरिक मामलों से जुड़ी संस्थाओं सहित कई एजेंसियाँ ​​शामिल हैं, इसलिए भारतीय सेना ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का फ़ैसला किया।'
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क़मर वहीद नक़वी

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