loader

हाथरस कांड : सफ़दरजंग प्रदर्शन स्थल से चंद्रशेखर रावण कहाँ ग़ायब कर दिए गए?

हाथरस की घटना के विरोध में दिल्ली के सफ़दरजंग में प्रदर्शन स्थल से चंद्रशेखर आज़ाद रावण ग़ायब कर दिए गए हैं। चंद्रशेखर के पीआरओ कुश अंबेडकर ने आरोप लगाया है कि दलित बेटी के दुष्कर्म और मौत का मामला बढ़ते देख चंद्रशेखर को ग़ायब कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि मंगलवार रात पुलिस उन्हें उठाकर ले गई थी और उसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस की ओर से अभी तक इस पर प्रतिक्रिया नहीं आई है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर पीड़िता के परिवार के साथ मंगलवार रात को सफदरजंग अस्पताल में डटे रहे थे। 

कुश अंबेडकर ने बताया कि हाथरस की बेटी की मौत के बाद कल देर रात चंद्रशेखर सफदरजंग अस्पताल पहुँचे थे जहाँ वह लड़की के पिता और भाई के साथ घटना को लेकर कई माँगों पर प्रदर्शन कर रहे थे। 

ताज़ा ख़बरें

कुश के अनुसार, इसी बीच दिल्ली पुलिस ने चन्द्रशेखर, लड़की के पिता और भाई को उठा लिया और वह उन्हें अलग-अलग गाड़ियों में ले गई। उनका कहना है कि तब से चंद्रशेखर से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है और उनका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। 

सफदरजंग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने वालों की तादाद काफ़ी ज़्यादा थी। प्रदर्शन में चंद्रशेखर के पहुँचने से प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई थी। इसके अलावा इस मामले में न्याय दिलाने के लिए देश भर में प्रदर्शन की तैयारियाँ की जा रही थीं। 

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने मंगलवार रात कहा कि हमारी बहन-बेटियों की जान इतनी सस्ती नहीं है और हमें न्याय चाहिए।

आज़ाद समाज पार्टी नाम से राजनीतिक संगठन चलाने वाले चंद्रशेखर ने कहा, ‘केन्द्र सरकार पीड़ित परिवार को 2 करोड़ का मुआवजा, फर्स्ट क्लास नौकरी और आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से 30 दिन में सजा की घोषणा करे।’ उन्होंने कहा कि यदि 24 घंटे में उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो भीम आर्मी भारत बंद करेगी।

लोगों को भारी संख्या में इकट्ठे होते देख भारी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया था। 

हाथरस दलित रेपकांड पर क्या योगी सरकार लीपापोती कर रही है। देखिए, वीडियो- 

बता दें कि हाथरस में एक दलित परिवार की बेटी की मौत हो गयी। 14 सितंबर को उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। दरिंदों ने उसकी जीभ काट दी थी। उसके गले की हड्डी टूट गई थी क्योंकि बलात्कारियों ने चुन्नी से उसका गला घोटने की कोशिश की थी और उसकी पीठ में भी गहरी चोटें आई थीं। 14 सितंबर को उस घटना के बाद लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी मौत हो गई। 

इस लड़की की मौत के बाद देश भर में गुस्सा है। यह ग़ुस्सा इसलिए भी है कि मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, इस लड़की के साथ इतनी हैवानियत के बाद भी स्थानीय पुलिस ने ठीक से कार्रवाई नहीं की। उसे गैंगरेप से जुड़ी धारा लिखने में 8 दिन लग गए। पुलिस पर आरोप है कि तब तक वह अभियुक्तों को बचाती रही। 

देश से और ख़बरें

कोरोना संक्रमण के ख़तरे के बावजूद लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और उत्तर प्रदेश सरकार पर निकम्मेपन का आरोप लगा रहे हैं।

पुलिस की ओर से ही उपलब्ध करायी गयी मेडिकल रिपोर्ट में और खुद आईजी जोन के बयान में बलात्कार को सिरे से नकार दिया गया है। आईजी जोन ने कहा है कि मृतका के साथ मारपीट हुई थी और पहले उन्ही धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। उनका कहना है कि बाद में मृतका ने छेड़खानी की बात कही तो धाराएं बढ़ायी गयीं। आईजी के मुताबिक़, घटना के कई दिनों के बाद मृतका ने चार लोगों द्वारा बलात्कार करने की बात कही जिसके बाद इन धाराओं को लगाया गया। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें