चंद्रयान-2 मिशन के जिस विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था उसकी जगह का पता चल गया है। इसरो ने कहा कि थर्मल इमेज से लैंडर की जानकारी तो मिली है, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका है। थर्मल इमेज चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ली गई है जो चाँद की कक्षा में स्थापित है और इसका इसरो से संपर्क स्थापित है। इसरो के वैज्ञानिक अब उस लैंडर से संपर्क स्थापित करने में जुटे हैं। इसके साथ ही मिशन की सफलता को लेकर एक बार फिर से उम्मीद जाग गई है।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो प्रमुख के. सिवन ने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा है, ‘हमने लैंडर की थर्मल इमेज से चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की जगह का पता लगा लिया है। इस थर्मल इमेज को ऑर्बिटर ने लिया है। लेकिन अभी भी उससे संपर्क स्थापित नहीं हो सका है। हम उससे संपर्क करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। जल्द ही उससे संपर्क साध लिया जाएगा।’
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan to ANI:We've found the location of #VikramLander on lunar surface&orbiter has clicked a thermal image of Lander. But there is no communication yet. We are trying to have contact. It will be communicated soon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/1MbIL0VQCo
— ANI (@ANI) September 8, 2019
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रेंज से 23 जुलाई को जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट के ज़रिए चंद्रयान-2 को छोड़ा गया था। लैंडर विक्रम शुक्रवार से 5 दिन पहले सैटेलाइट से अलग हो गया था, वह इतने दिन तक चंद्रमा के चक्कर लगा रहा था। वर्षों की तैयारियों और कई हफ़्तों के तनावपूर्ण इंतजार के बाद शुक्रवार की रात भारत को मायूस होना पड़ा। शुक्रवार की रात 1.55 पर चंद्रयान-2 के लैंडर को चाँद की सतह पर उतरना था और पूरा देश साँस थामे इसका इंतज़ार कर रहा था। लेकिन तय समय से कुछ देर पहले ही इसरो से चंद्रयान-2 का संपर्क टूट गया और वहाँ से संकेत आना बंद हो गया। इसरो ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जिस समय संपर्क टूटा लैंडर चाँद की सतह से सिर्फ़ 2.10 किलोमीटर दूर था और वह कुछ सेकंड बाद ही उतरने वाला था।
इसरो ने कहा कि 'विक्रम ने 'रफ ब्रेकिंग और 'फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।
बता दें कि यदि शनिवार को यह मिशन सफल होता तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा देश बन गया होता जिसने चंद्रमा पर सॉफ़्ट लैंडिंग कराई हो।
हालाँकि, अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने अभी तक लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने पर उम्मीद नहीं छोड़ी है, इसरो प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को ही कहा है कि यह प्रयास अगले 14 दिनों तक जारी रहेगा। यानी उम्मीदें अभी भी बाक़ी हैं।
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