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चीनी राजदूत : भारत के लिए ख़तरा नहीं है चीन, मतभेद सुलझाना ज़रूरी

भारत और चीन के बीच तनाव में कमी भले ही आई हो, पर वह ख़त्म नहीं हुआ है और अभी भी हज़ारों चीनी सैनिक पैंगोंगत्सो और देपसांग में भारतीय सरज़मी पर तैनात है। इस परिस्थिति में चीन ने भारत के प्रति अपने रुख में नरमी का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को समझना चाहिए कि उनकी दोस्ती हमेशा बनी रहेगी।  

भारत में चीनी राजदूत सुन वेइदोंग ने नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज़ स्टडीज़ की ओर से 'चाइना-इंडिया रिलेशन्स : द वे फॉरवर्ड' विषय पर आयोजित वेबिनार में दोनों देशों के बीच के रिश्ते को रेखांकित किया।
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उन्होंने कहा, 'हमारा मूलभूत निष्कर्ष यह है कि तीन चीज़ें नहीं बदल सकती हैं... पड़ोसी होने के नाते मूलभूत ज़मीनी हालात नहीं बदलेंगे... दोनों देशों के बीच जारी साझीदारी और दोस्ताना सहयोग के इरादे कभी नहीं बदलेंगे।'

चीनी राजदूत ने भारत के साथ रिश्तों में मतभेद से इनकार नहीं किया, लेकिन इस पर ज़ोर दिया कि उसे सही तरीके से संभाला जा सकता है। 

उन्होंने कहा, 'इसी निष्कर्ष के आधार पर भारत के प्रति चीन की मूलभूत नीति नहीं बदली है... दोनों पक्षों को दोनों देशों और उनके लोगों के मूलभूत हितों के लिए काम करना चाहिए, दोस्ताना सहयोग बना रहना चाहिए, और उन्हें मतभेदों को सलीके से संभालना चाहिए, ताकि द्विपक्षीय ताल्लुकात सामान्य ट्रैक पर लौट सकें...'

सुन वेईदोंग ने कहा, 'दुनियाभर में शांति बनाए रखना और साझा विकास को बढ़ावा देना चीन की कूटनीति का मूलभूत लक्ष्य रहा है... 70 शाल पहले चीन की स्थापना के समय से ही हमने पड़ोसियों से अच्छे दोस्ताना रिश्ते चाहे हैं, पड़ोसियों के साथ विकास की ख्वाहिश की है, और सहयोग को बढ़ाते हने की दिशा में काम किया है।'
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क़मर वहीद नक़वी

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