कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने वित्तीय सहायता न देने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। इनमें पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडेचेरी के मुख्यमंत्री शामिल हैं। इनका कहना है कि अगर उन्हें वित्तीय मदद ही नहीं मिलेगी तो वे किस तरह कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग लड़ेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से वित्तीय पैकेज देने की मांग की है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार राज्यों की वित्तीय मदद करने के लिए आगे नहीं आएगी तो लॉकडाउन के बाद राज्यों में हालात किस तरह सामान्य हो पाएंगे।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में वीडियो कांफ़्रेंसिंग के जरिये अपनी बात रखते हुए गहलोत ने कहा कि हम रैपिड टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह किट फ़ेल हो रही हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के 4400 करोड़ रुपये अभी तक जारी नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि 1 लाख रैपिड टेस्टिंग किट के बजाय राज्य सरकार को सिर्फ़ चीन की 10 हज़ार किट ही मिली हैं और इनकी भी प्रमाणिकता की जांच होनी बाक़ी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और प्रवासी मजदूरों का विषय हर राज्य के लिए चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस बारे में नीति बनानी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह इस मुद्दे पर चुप है।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को कोई सहायता नहीं दी है। उन्होंने कहा कि हम दुश्मन नहीं हैं और हमें मिलकर काम करना चाहिए। नारायणसामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के 600 करोड़ और वित्तीय आयोग से मिलने वाले 2200 करोड़ रुपये भी अभी तक नहीं दिए हैं।
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