यूरोपीय सांसदों के कश्मीर दौरे से जुड़ा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार पर ज़ोरदार हमला करते हुए इसे 'अक्षम्य कूटनीतिक ग़लती' क़रार दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे 'अपरिपक्व, ग़लत लोगों की सलाह पर ग़लत तरीके से किया गया पब्लिक रिलेशन क़वायद' क़रार दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने मदद भी ली तो एक 'अंतरराष्ट्रीय बिज़नेस ब्रोकर से।'
उन्होंने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर तीखे हमले किए और कई आरोप लगाए। सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार ने कश्मीर की ज़मीनी सच्चाई का आकलन करने के लिए एक तीसरे पक्ष को बीच में लाकर पाप किया है और उसे यह काम एक थिंकटैंक से कराया है। ऐसा करके उसने जम्मू-कश्मीर पर देश के सार्वभौमिक अधिकार को नुक़सान पहुँचाया है।'
उन्होंने यह भी कहा कि इन 27 यूरोपीय सांसदों को एक 'अनजान थिंकटैंक भारत ले आया, जिसकी विश्वसनीयता और जिसका कामकाज सवालों के घेरे में है, ऐसे में इन सांसदों को प्रधानमंत्री से मिलवाया गया, उन्हें जम्मू-कश्मीर ले जाया गया और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।'
बता दें कि बेल्जियम स्थित वीमन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक के न्योते पर यूरोपीय संसद के 27 सदस्य भारत आए थे, जिनमें से 4 कश्मीर गए बग़ैर ही लौट गए। शेष 23 सांसद जम्मू-कश्मीर गए और वहाँ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बाद में वहाँ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर रही है।
उन्होंने कहा, 'भारत की हमेशा से यह नीति रही है कि कश्मीर पर किसी व्यक्ति, समूह, संगठन या सरकार का हस्तक्षेप या किसी तीसरे की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जा सकती। मोदी सरकार ने इस नीति को उलटने का महापाप किया है।'
बीजेपी ने इन तमाम आरोपों को खारिज करते हुए विपक्ष पर बेमतलब बखेड़ा करने का आरोप लगाया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'यूरोपीय संघ के संसद के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे पर खड़ा किया विवाद बेकार है। विपक्ष को इसे इस रूप में देखना चाहिए था कि घाटी में स्थिति सुधर रही है और स्थिति पहले से अधिक काबू में आ रही हैं।'
अपनी राय बतायें