चुनावों में कई जगहों पर हार, कई बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने, चुनी हुई सरकार के गिरने और नेतृत्व की आंतरिक समस्याओं से जूझ रही कांग्रेस में एक बार फिर जान फ़ूंकने की कोशिश हो रही है। पार्टी ने एनईईटी और जेईई परीक्षाओं के मुद्दे पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। इसके तहत कोरोना संकट काल में ये परीक्षाएं करवाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हर ज़िला मुख्यालय और केंद्र सरकार के दफ़्तर के सामने कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करेगी। शुक्रवार को पूरे देश के हर ज़िले में यह एक साथ दिन के 11 बजे होगा।
कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने एक बयान जारी कर इसकी विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'बिना सोचे समझे और तानाशाहीपूर्ण निर्णय के ख़िलाफ विपक्ष की मुहिम के तहत शुक्रवार को प्रदर्शन किया जाएगा। वे लोग इस महामारी के दौरान परीक्षाएं करवाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले का विरोध करने के लिए ऐसा करेंगे।'
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छात्रों पर दबाव
वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि 'कोरोना काल में इन परीक्षाओं के होने की वजह से छात्र ज़बरदस्त मानसिक दबाव में हैं। बाढ़ की वजह से असम और बिहार के छात्रों को ज़्यादा परेशानियाँ होंगी।'इस मुद्दे पर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक बुधवार को हुई थी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सलाह दी कि सभी राजनीतिक दलों को एक साथ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और परीक्षा रोकने के लिए याचिका दायर करनी चाहिए।
साल बर्बाद होगा!
दूसरी ओर, केंद्र का कहना है कि अधिकतर छात्र और उनके अभिभावक चाहते हैं कि ये परीक्षाएं हों क्योंकि वे पूरा एक साल नष्ट नहीं करना चाहते। परीक्षा कराने वाली संस्था नैशनल टेस्टिंग एजेन्सी ने भी कहा है कि अकादमिक साल बचाने के लिए ये परीक्षाएं होनी चाहिए।दूसरी ओर अकादमिक जगत के 150 से अधिक विद्वानों ने एक साझा ख़त लिख कर सरकार के फ़ैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि हर साल की तरह इस साल भी लाखों छात्र 12 वीं पास करने के बाद आगे की तैयारियों में जुटे हुए हैं। सरकार ने एनईईटी और जेईई की परीक्षाएं कराने का फ़ैसला किया है और हम उसका पूरा समर्थन करते हैं।
कांग्रेस ने जिस तरह यह मुद्दा लपक लिया है, वह बेहद महत्वपूर्ण है। इससे कांग्रेस लाखों युवाओं से सीधे तौर पर जुड़ जाएगी और यह संदेश दे पाएगी कि वह युवा पीढी के साथ है।
दूसरी अहम बात यह है कि इसी बहाने कांग्रेस पूरे देश में एक साथ एक समय आन्दोलन के लिए एकत्रित हो पाएगी। कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती इसे कामयाब बनाने में है। जिस तरह कांग्रेस का संगठन कमज़ोर है और कई जगहों पर एकदम लुंजपुंज या लगभग नष्ट है, उन जगहों पर यह प्रदर्शन आयोजित करना मुश्किल भरा काम होगा। लेकिन यदि कांग्रेस यह कर लेती है तो इसी बहाने इसमें जान फूंकी जा सकती है।
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