आख़िर यह लॉकडाउन कब ख़त्म होगा? यह सवाल अपने-अपने घरों में बंद आम लोगों को तो परेशान कर ही रहा है और यही सवाल अफ़सरों से लेकर मंत्रियों तक के सामने भी है। इसी सवाल के उलझन में देश की अर्थव्यवस्था चलाने वाले हैं तो राज्यों की बागडोर संभाल रहे मुख्यमंत्रियों से लेकर देश की बागडोर संभाल रहे प्रधानमंत्री तक हैं। भले ही अभी तक साफ़ नहीं किया गया है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाएगा या नहीं, लेकिन लॉकडाउन को हटाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
21 दिन के लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को ख़त्म हो रही है और ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि कहीं लॉकडाउन को बढ़ाया तो नहीं जाएगा। यह संदेह इसलिए भी बढ़ जाता है कि देश में अभी तक कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या कम होनी शुरू नहीं हुई है। इसके बावजूद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने लॉकडाउन हटाने के उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है। कई राज्यों ने तो पूरी योजना भी बना ली है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई मंत्रियों की अनौपचारिक कमेटी में इस पर हलचल है।
कोरोना पर नज़र रखने के लिए बनाई गई इस अनौपचारिक कमेटी का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश भर में लॉकडाउन को ज़्यादा समय तक जारी नहीं रखा जा सकता है और अब इसको अलग-अलग चरणों में हटाया जा सकता है। यानी पूरे देश भर में एक साथ ही लॉकडाउन को नहीं हटाया जाएगा। 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि शुक्रवार को इस कमेटी की तीसरी बार बैठक हो चुकी है और फिर से अगले हफ़्ते एक और बैठक होने वाली है।
माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली कमेटी की अगली बैठक में कमेटी लॉकडाउन पर कुछ विचार कर सकती है लेकिन कुछ भी फ़ैसला लेने से पहले कोरोना के नये मामले आने की दर और 10 अप्रैल तक यह वायरस कितना फैलता है इसको ध्यान में रखा जाएगा।
राजस्थान में टास्क फ़ोर्स गठित
कुछ ऐसे ही संकेत राज्यों की प्रतिक्रिया से भी मिलते हैं। राज्य सरकारों की ये प्रतिक्रियाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के बाद आई हैं। इस वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो टास्क फ़ोर्स गठित किए हैं जो लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीक़े से हटाने पर सलाह देंगी। एक टास्क फ़ोर्स प्रशासनिक स्थिति को देखेगी तो दूसरी आर्थिक स्थिति पर नज़र रखेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में चरणबद्ध तरीक़े से और धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने की बात पर ज़ोर दिया था।
महाराष्ट्र में भी विचार
कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक महाराष्ट्र में भी लॉकडाउन पर विचार चल रहा है। शनिवार को ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन हटाने पर फ़ैसला इस पर निर्भर करता है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग और घरों में रहने के सरकार के निर्देशों को कितना मानते हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी शनिवार को कहा था कि सरकार इस पर विचार कर रही है कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में ढील दे। उन्होंने यह भी कहा था कि लोगों द्वारा नियमों के पालन करने पर यह चरणबद्ध तरीक़े से किया जा सकता है।
कर्नाटक
कर्नाटक में भी चरणबद्ध तरीक़े से लॉकडाउन हटाने पर सरकार विचार कर रही है। राज्य के वरिष्ठ मंत्री एस सुरेश कुमार ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ बैठक के बाद यह बात कही है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल की परिस्थितियों को देख कर चरणों में लॉकडाउन को हटाने पर फ़ैसला लिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली केंद्रीय कमेटी स्थिति पर नज़र रख रही है।
जहाँ तक केंद्रीय स्तर की बात है तो रिपोर्टों में कहा गया है कि जब लॉकडाउन में ढील भी दी जाएगी तो कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या और इसके फैलने की स्थिति देखकर ही दी जाएगी। यानी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह से लॉकडाउन हटाया जाएगा। जैसे कि जिन ज़िलों में कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आए हैं उन ज़िले के सिर्फ़ अंदर छूट दी जा सकती है। फ़िलहाल देश भर के क़रीब 700 ज़िलों में से 200 ज़िलों में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं।
गाँवों और छोटे शहरों में दुकानों को खोलने की इजाजत दी जा सकती है। गाँवों में फ़सलों को काटने का समय आ गया है और ऐसे में लॉकडाउन के कारण मज़दूर कहीं आ जा नहीं सकते हैं तो वहाँ भी ढील दी जा सकती है। छोटे कस्बों में जनसंख्या कम होने की वजह से उन्हें भी शुरुआत में ही राहत दी जा सकती है। बड़े मॉल को खोलने पर सोशल डिस्टेंसिंग को लागू कराने में मुश्किलें आएँगी तो इसको इजाजत नहीं दी जा सकती है।
लॉकडाउन हटाने पर विचार इसलिए जल्द से जल्द किए जाने की संभावना है क्योंकि इसके कारण अर्थव्यवस्था बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग़रीबों और मज़दूरों के लिए काफ़ी मुश्किलें आ रही हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने इस पर नज़र रखने के लिए राजनाथ सिंह के नेतृत्व में जो समिति बनाई है उसमें गृह मंत्री अमित शाह, राम विलास पासवान, धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जावड़ेकर, रमेश पोखरियाल निशंक, स्मृति ईरानी सहित कई मंत्री शामिल हैं।
हालाँकि, अभी तो कोरोना पॉजिटिव के केस बढ़ रहे हैं और यह अब 10-14 अप्रैल तक की स्थिति पर निर्भर करेगा कि लॉकडाउन कब, कहाँ-कहाँ और किस तरह से हटाया जाएगा।
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