चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर विचार करने के बाद सभी प्रचार माध्यमों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैक्सीन लेती तसवीर हटाने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि 72 घंटे के अंदर सभी प्रचार माध्यमों से यह तसवीर हट जानी चाहिए।
पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पंप समेत कई जगहों पर होर्डिंग्स लगाए गए थे, जिन पर कोरोना वैक्सीन लेते हुए मोदी की तसवीर लगाई गई थी।
टीएमसी की शिकायत
टीएमसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि कोरोना टीकाकरण के साथ जो सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तसवीर लगी हुई है। यह डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों का श्रेय लूटने के बराबर है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में कहा है, "स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दिए जा रहे सर्टिफिकेट पर नरेंद्र मोदी का नाम, उनकी तसवीर और उनके संदेश को लगाना पद का दुरुपयोग ही नहीं, टीका बनाने वालों का श्रेय लूटने की भी कशिश है। वे इसके साथ ही डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों की विशाल फ़ौज से उसके किए का श्रेय लूट लेने का समान भी है।"
Elections declared. PM photo still brazenly appearing on #COVID19 documents. Trinamool @AITCofficial taking this up strongly with Election Commission @ECISVEEP https://t.co/Mh3zwP59Wj
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) March 2, 2021
'आचार संहिता का उल्लंघन'
टीएमसी का कहना है कि चुनाव का एलान होने के बाद प्रधानमंत्री टीकाकरण के कोविन प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए नहीं कर सकते।
डेरेक ओ ब्रायन ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को इस पर सक्रिय होना चाहिए और प्रधानमंत्री को करदाताओं के पैसे से बनी चीजों के अनुचित प्रयोग पर रोक लगानी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के इस नेता ने चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है और इस पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए।
पहले भी लगे थे आरोप
याद दिला दें कि 2019 के आम चुनावों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे थे।
पुलवामा के शहीदों और बालाकोट हवाई हमले के नाम पर वोट देने की अपील से लेकर वोट डालने के दौरान ‘रोड शो’ करने की शिकायतें चुनाव आयोग के पास की गई थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के लातूर में शहीदों के नाम पर लोगों से सीधे वोट नहीं माँगा था। लेकिन उन्होंने कहा था, "मैं फ़र्स्ट टाइम वोटर्स से कहना चाहता हूँ, आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है क्या? आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए उन वीर शहीदों के नाम आपका वोट समर्पित हो सकता है क्या? ग़रीब को पक्का घर मिले उसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है क्या?"
यह शिकायत महाराष्ट्र के लातूर में मोदी के भाषण के ख़िलाफ़ कोलकाता के महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने दी थी। तब चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग के मुख्य अधिकारी से भाषण की प्रति और स्पष्टीकरण माँगा था।
इसके अलावा 23 अप्रैल को अहमदाबाद में वोटिंग के बाद मोदी के रोड शो को लेकर विपक्षी नेताओं ने विरोध दर्ज कराया था। तब चुनाव आयोग ने कहा था कि अहमदाबाद में उनके मिनी रोड शो की जाँच की जा रही है। वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री ने एक खुली जीप की सवारी की थी, सड़क पर चले थे और एक छोटा भाषण भी दिया था। इसमें मोदी ने कहा था कि ‘आतंकवाद का हथियार आईईडी है। लोकतंत्र की ताक़त मतदाता पहचान पत्र है। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि मतदाता पहचान पत्र आईईडी की तुलना में बहुत अधिक शक्तिशाली है, इसलिए हमें अपने मतदाता पहचान पत्रों की ताक़त को समझना चाहिए।’ मोदी ने यह बात ‘आईईडी बनाम वोटर आईडी’ थीम पर कही, जो कि उनकी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रचार को दर्शाती है।
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