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वीवीपैट मिलान पर विपक्ष को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के 50 फ़ीसदी वीवीपैट (वोटर वैरिफ़ाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) से मिलान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम और तेलगु देशम समेत कुल 21 पार्टियों ने याचिका में अदालत से आग्रह किया था कि ईवीएम के 50 फ़ीसदी नतीजों का चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान चंद्रबाबू नायडू, डी. राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला अदालत में मौजूद रहे। 

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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक ही मामले को बार-बार क्यों सुनें? पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पाँच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान करने की बात कही थी और चुनाव आयोग ने इसे मान लिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक ही मामले को बार-बार क्यों सुनें? पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पाँच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान करने की बात कही थी और चुनाव आयोग ने इसे मान लिया था। विपक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ'ब्रायन (टीएमसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से याचिका दायर की गई थी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव के बाद चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
ईवीएम पर लंबे अरसे से सवाल उठते रहे हैं। कर्नाटक से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, और गुजरात तक विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनावों तक में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने यह कह कर सबको चौंका दिया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस में बैठे लोग भारत में हो रहे चुनाव की ईवीएम हैक कर रहे हैं।नायडू ने यह भी कहा था कि ईवीएम की प्रोग्रामिंग में ग़लती हो सकती है। उन्होंने कहा था कि आंध्र प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर वोटिंग मशीनें ख़राब हुई हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए थे। जबकि चुनाव आयोग का दावा है कि न तो इन ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है न ही उसे हैक किया जा सकता है। यह पूरी तरह सुरक्षित है।
बीजेपी पर उसकी सहयोगी शिवसेना ने भी लोकसभा चुनाव से पहले क़रारा वार करते हुए कहा था कि अगर ईवीएम से चुनाव हो तो लंदन और अमेरिका में भी बीजेपी चुनाव जीत सकती है।
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने 2017 में दिल्ली विधानसभा में ईवीएम को हैक करने का दावा किया था और इसके बाद पूरे देश में तहलका मच गया था। लेकिन चुनाव आयोग ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि वह मशीन चुनाव आयोग की ईवीएम से सिर्फ़ देखने में एक जैसी है, मिलती-जुलती है, लेकिन उसके फ़ीचर ईवीएम जैसे नहीं हैं। इसलिए ईवीएम हैक करने का दावा पूरी तरह ग़लत है।
यह भी बातें सामने आईं थीं कि ईवीएम को हैक करने वाले यानी इसके हैकर्स, चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार पार्टियों से सौदा कर लेते हैं। चुनाव परिणाम को लेकर बहुत ज़्यादा बवाल न हो इसलिए वह हारने वाली पार्टियों को सम्मानजनक सीटें भी दे देते हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी

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