जनता दल यूनाइटेड के पूर्व नेता व पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में टीएमसी सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
पवन पूर्व राजनयिक हैं और वे राष्ट्रीय मीडिया में जनता दल यूनाइटेड का पक्ष रखते हुए देखे जाते रहे हैं।
We are elated to welcome Shri @PavanK_Varma into our Trinamool Congress family.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) November 23, 2021
His rich political experience will help us serve the people of India and take this nation forward to even better days! pic.twitter.com/DlBiYtaqFX
क्या कहा वर्मा ने?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके वर्मा ने तृणमूल में शामिल होने की वजह बताई। उन्होंने कहा, "तृणमूल कांग्रेस तेज़ी से देश की बड़ी ताक़त के रूप में उभर रही है और यह जल्दी ही विपक्ष की बड़ी पार्टी बन जाएगी, इस कारण ही मैं इसमें शामिल हुआ।"बिहार में पैर पसारने की कोशिश
एक ही दिन में पहले कीर्ति आज़ाद और उसके बाद पवन वर्मा के टीएमसी में शामिल होने से साफ संकेत जाता है कि पश्चिम बंगाल की यह पार्टी बिहार में पैर पसारने की कोशश कर रही है। ये दोनों ही नेता बिहार के हैं।
पवन वर्मा की बातों से तो यह बिल्कुल साफ हो गया। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जहाँ तक बिहार की बात है, निश्चित रूप से बहुत कुछ होने को है।"
वर्मा के शामिल होने के मायने
समझा जाता है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के ज़बरदस्त अभियान के बावजूद विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस अब राष्ट्रीय पहचान बनाना चाहती है। इस कोशिश के तहत ही उसने पहले असम, त्रिपुरा और गोवा में कई लोगों को पार्टी में शामिल किया और अब वह यही काम बिहार में करने जा रही है।
क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आज़ाद की बिहार में कोई बहुत बड़ी राजनीतिक ताकत नहीं है, वे पिछले चुनाव में अपनी सीट तक नहीं बचा पाए थे। लेकिन उनके जुड़ने से टीएमसी कम से कम यह संकेत दे पाएगी कि वह बिहार को लेकर गंभीर है। मुमकिन है कि आज़ाद और वर्मा के बाद कुछ दूसरे नेता भी टीएमसी में शामिल हों।
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