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जामिया के पास गोली चली, हमलावर ने कहा, 'ये लो आज़ादी'

दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास गुरुवार की दोपहर को एक शख़्स ने गोली चला दी। विश्वविद्यालय के सामने की सड़क पर एक आदमी ने रिवॉल्वर लहराते हुए चिल्ला कर कहा, ‘ये लो आज़ादी। इतना कह कर उसने गोली चला दी। उसने गोली चलाते हुए 'दिल्ली पुलिस जिंदाबाद' के नारे भी लगाए। 
पुलिस ने हमलावर को गिरफ़्तार कर लिया है। हमलावर का नाम रामभक्त गोपाल बताया जा रहा है। उसने अपने फ़ेसबुक पोस्ट में अपने किसी दोस्त चंदन का जिक्र करते हुए कहा है कि यह बदला उसके लिए है। इस गोलीबारी में पत्रकारिता विभाग का एक छात्र घायल हो गया। उसके हाथ पर गोली लगी है। उसके हाथ से ख़ून बहने लगा। उसे ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया है। 

क्या है वीडियो में?

इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है। इस वीडियो में काला जैकेट और सफ़ेद पैंट पहने एक आदमी सड़क पर चलता हुआ दिखता है। वह रिवॉल्वर लहराता है और चिल्ला कर कहा है, ‘ये लो आज़ादी।’
जामिया के एक छात्र ने एनडीटीवी से कहा, ‘हम होली फ़ैमिली हॉस्पिटल के पास लगे बैरीकेड के पास बैठे थे। वह आदमी यकायक भड़का और उसने गोली चला दी। वह निश्चित रूप से हमारे बीच से कोई नहीं था।’

मूकदर्शक रही पुलिस?

बता दें कि उसी समय जामिया से राजघाट तक एक मार्च निकालने की तैयारी थी। उस मार्च में भाग लेने वाले लोग वहीं थे। लेकिन यह मार्च आगे बढ़ता, उसके पहले ही यह कांड हो गया।
एक छात्र ने एनडीटीवी से कहा, 'वहाँ पुलिस के जवान मौजूद थे, सब कुछ उनके सामने ही हुआ। गोली चलाने वाले शख़्स को रोकने की बात उन पुलिस वालों से कही गई, पर पुलिस वालों ने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।'
इस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि काले जैकेट और सफेद पतलून में एक आदमी चिल्ला कर कुछ कह रहा है, रिवॉल्वर लहरा रहा है, उसके सामने कैमरामैन और दूसरे लोग हैं। उस आदमी के पीछे पुलिस वाले खड़े हैं। पर वे आगे बढ़ कर उसे रोकते हुए नहीं दिखते हैं।
वरिष्ठ पुलिस अफ़सर चिन्मय बिस्वाल ने एनडीटीवी से कहा कि गिरफ़्तार किए गए इस हमलावर से पूछताछ की जा रही है।
इसके कुछ दिन पहले दिल्ली स्थित शाहीन बाग में जहाँ हज़ारों महिलाएँ धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, एक शख़्स रिवॉल्वर लेकर घुस गया था। उसने रिवॉल्वर लहराते हुए लोगों को वह जगह खाली करने को कहा था। उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। बाद में उसने कहा था कि वह लाइसेंसी रिवॉल्वर लेकर ही कहीं जाता था। उस दिन वह भूल से उधर से गुजर रहा था, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया। उसने यह भी कहा था कि उसका मक़सद किसी को डराना या परेशान करना नहीं था।

‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को’

बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने नारा दिया था, ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को।’ पहले बीजेपी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने अपने कुछ लोगों के साथ रैली निकाली थी, जिसमें उन्होंने और रैली में चल रहे लोगों ने यह नारा लगाया था। उसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक चुनावी सभा में नारा दिया, ‘देश के गद्दारों को’, और वहां मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया, ‘गोली मारो सालों को।’ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे सही ठहराया था। 
इसके अलावा यह भी ध्यान देने लायक बात है कि कुछ टेलीविज़न चैनलों ने यह ख़बर लगाई कि शाहीन बाग में नारा लगाया गया, ‘जिन्ना वाली आज़ादी।’ लेकिन जिन्होंने नारे लगाए थे, उन्होंने इससे इनकार किया था। उनका कहा था कि हमने नारा लगाया था, ‘भगत सिंह की आज़ादी, आंबेडकर वाली आज़ादी’ वगैरह।
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क़मर वहीद नक़वी

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