loader

कॉलीजियम पर फिर सवाल, छोटे कोर्ट में वरिष्ठतम जज का तबादला, इस्तीफ़ा

जजों की नियुक्ति के मामले में कॉलीजियम के फ़ैसले पर एक बार फिर विवाद हो गया है। मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश और देश की वरिष्ठतम जज विजया कमलेश ताहिलरमाणी ने अपेक्षाकृत छोटे मेघालय हाई कोर्ट भेजे जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्हें बीते साल अगस्त में मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। अभी उनका तबादला बेहद छोटे मेघालय हाई कोर्ट मे कर दिया गया।
यह वही जज हैं, जिन्होंने बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार कांड के दोषियों की सज़ा को बहाल रखा था। उस बलात्कार कांड का मुक़दमा गुजरात हाई कोर्ट में चला था और उसमें 11 लोगों को सज़ा हुई थी। बाद में इस फ़ैसले को बंबई हाई कोर्ट भेजा गया था, जहाँ ताहिलरमाणी कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थीं। 
सम्बंधित खबरें
जस्टिस विजया ताहिलरमाणी अक्टूबर 2020 में रिटायर होने को थीं। उन्होंने छोटी अदालत में तबादला करने के कॉलीजियम के फ़ैसले पर अपनी बात भी कॉलीजियम के सामने रखीं।
उन्होंने अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कॉलीजियम से आग्रह करते हुए एक मेमोरंडम दिया था, जिसमें कहा था:

कॉलीजियम के कामकाज की शैली से ऐसा लगता है मानो हाई कोर्ट कॉलीजियम के अधीन हों। कोई भी तबादला न्यायसंगत तरीके से ही होना चाहिए, पर कुछ दिनों से लगने लगा है कि जजों के तबादले में इसका ख्याल नहीं रखा जाता है।


विजया ताहिलरमाणी, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, मद्रास हाई कोर्ट

पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई की अगुआई वाले कॉलीजियम ने एक प्रस्ताव पारित कर इसे खारिज कर दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एस. ए. बोबडे, एन. वी. रमण, अरुण मिश्रा और आर. एफ़ नरीमन के नाम हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेवसाइट पर 3 सितंबर को इसे पोस्ट कर दिया गया।
HC Judge transferred to smaller court, quits - Satya Hindi
इसमें कहा गया है, 'कॉलीजियम ने उनके रीप्रेजेन्टेशन को गौर से देखा और उससे जुड़े सभी तथ्यों पर विचार किया। तथ्यों पर विचार करने के बाद यह पाया गया कि उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।'
जस्टिस विजया ताहिलरमाणी ने अपने रीप्रेजेन्टेशन में कहा कि जून 2001 में बंबई हाई कोर्ट में पदभार संभालने के बाद से ही उन्होंने बग़ैर किसी भय या प्रलोभन के अपने कर्तव्य का निर्वाह किया। उन्होंने इस अदालत में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहते हुए ही बिल्कीस बानो बलात्कार कांड में फ़ैसला सुनाया था। 
HC Judge transferred to smaller court, quits - Satya Hindi
मद्रास हाई कोर्ट के छह जजों की नियुक्तियों को स्थायी कर देने के उपलक्ष्य में एक पार्टी रखी गई थी। जस्टिस विजया ताहिलरमाणी ने इस पार्टी में अपनी बातें सबके सामने रख दीं।
जस्टिस ताहिलरमाणी ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि वह साफ़ अंतरात्मा से अपने पद से हट रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मनमर्जी से तबादला किए जाने से जजों का आत्मविश्वास कम होगा और न्यायपालिका पर ख़तरा बढ़ जाएगा। 
अभी कुछ दिन पहले ही जस्टिस संजय किशन कौल ने भी कॉलीजियम से आग्रह किया था कि वह जजों की नियुक्ति में वरिष्ठता का ख्याल रखें।

लगभग उसी समय और इसी हफ़्ते जस्टिस रुथ भानुमति ने भी जस्टिस गोगोई से ऐसा ही कहा। उन्होंने गोगोई को एक चिट्ठी लख कर कहा था कि मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रामलिंगम सुधाकर की अनदेखी कर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वी. रामसुब्रमण्यन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें