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कौन हैं टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग, सरकार को पता नहीं

'टुकड़े-टुकड़े गैंग’ में कौन लोग हैं? क्या कन्हैया कुमार वाकई ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सदस्य हैं? क्या अभिनेत्री दीपिका पादुकोण या स्वरा भास्कर ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की सदस्य हैं?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि गृह मंत्रालय ने आरटीआई (राइट टू इनफ़ॉर्मेशन) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि उसे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

‘टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना?

ये सवाल अहम इसलिए हैं कि पूर्व पत्रकार और कार्यकर्ता साकेत गोखले ने एक आरटीआई आवेदन दायर कर गृह मंत्रालय से पूछा था कि ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं?’सोमवार को गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा, ‘गृह मंत्रालय के पास टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंधित कोई जानकारी नहीं है।’
यह सवाल महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि गृह मंत्री अमित शाह ने अलग-अलग समय ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के बारे में कई बार सवाल उठाया है', कहा है कि देश में टुकड़े-टुकड़े गैंग है जो देश की एकता और अखंडता के लिए ख़तरनाक है। 

अमित शाह ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा था, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोगों को सबक सिखाने का समय आ गया है।’ वे दिल्ली चुनाव के पहले की बात कर रहे थे।

उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ‘दिल्ली में अशांति के लिए कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में टुकड़े-टुकड़े गैंग जिम्मेदार है, इनको दंड देने का समय आ गया है. दिल्ली की जनता को दंड देना चाहिए।
Home Ministry does not know about tukde-tukde gang?  - Satya Hindi

जेएनयू में हमला

लेकिन उनके इस बयान के कुछ दिन बाद ही जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में नकाबपोश गुंडों के समूह ने छात्रों- शिक्षकों पर हमला कर दिया, तोड़फोड़ की। इस वारदात में 34 छात्र और शिक्षक घायल हुए, जिन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर पर दाखिल कराया गया था। 
बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर कहा था कि ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोगों को सबक सिखाने का समय आ गया है।’ हमले के बाद कुछ लोगों ने ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के लोगों की पिटाई पर खुशी जताई थी।

गृह मंत्रालय से सवाल

ऐसे में यह सवाल पूछा जाना स्वाभाविक है कि ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ क्या है, कौन लोग इस गैंग में हैं?साकेत गोखले ने अपने आरटीआई में चार सवाल पूछे थे। 

  • एक, गृह मंत्री द्वारा चिन्हित ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग की परिभाषा क्या है और किस आधार पर उनकी पहचान हो सकती है?
  • दूसरा, क्या गृह मंत्री ने टुकड़े-टुकड़े गैंग को किसी आधिकारिक मंत्रालय या क़ानूनी एजेंसी द्वारा चिन्हित किए जाने के आधार पर उल्लेख किया है?
  • तीसरा, क्या केंद्रीय मंत्री के पास इस गैंग के नेताओं और सदस्यों की कोई सूची है जिनका उन्होंने जिक्र किया है?
  • चौथा, केंद्रीय गृह मंत्री की घोषणा के मुताबिक ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय कौन-सी दंडात्मक कार्रवाई/सजा की योजना बना रहा है? (यह भी स्पष्ट किया जाए कि आईपीसी या अन्य कानूनों की कौन-सी धाराओं के तहत सजाएं दी जाएंगी।)
साकेत गोखले ने कहा था : 

‘मेरी आरटीआई आवेदन देने के पीछे का कारण ये है कि देश के गृहमंत्री ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ शब्दावली का इस्तेमाल कई बार कर चुके हैं। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री ने भी इसका कई मौकों पर इस्तेमाल किया है। जब वे ऐसी प्रवृत्ति के ऐसे गैंग का उल्लेख करते हैं तो ये सोचना ज़रूरी है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत ऐसी लिस्ट बना कर रखी होगी।’


साकेत गोखले की आरटीआई अर्जी का हिस्सा

गोखले ने कहा है कि वह अब चुनाव आयोग में गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ शिकायत करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गृह मंत्री अमित शाह बताएँ कि उन्होंने रैली में इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया या फिर वे जनता से झूठ बोलने और उन्हें गुमराह करने को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।’
ये सवाल इसलिए भी अहम है कि बीजेपी ने एक नैरेटिव खड़ा कर दिया है जिसमें सरकार का विरोध करने वाले को टुकड़े-टुकड़े गैंग के रूप में पेश किया जाता है। यह आरोप लगाया गया था कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे, नारा लगा था, ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह।’
इसके बाद से ही बीजेपी  प्रवक्ता टेलीविज़न चैनलों पर बहस में टुकड़े-टुकड़े गैंग की बात करने लगे। बीजेपी के नेता और मंत्री यही बात कहने लगे। और तो और, प्रधानमंत्री तक ने यही बात कही। तो ऐसे में यह सवाल उठता ही है कि आख़िर टुकड़े-टुकड़े गैंग क्या है? 

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क़मर वहीद नक़वी

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