कोरोना संक्रमण से दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में भारत अब पाँचवें स्थान पर आ गया है। भारत ने अब उस स्पेन को पीछे छोड़ दिया है जो एक समय यूरोप में कोरोना संक्रमण का केंद्र था। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी एंड मेडिसिन के अनुसार, भारत में संक्रमित होने वालों की संख्या 2 लाख 45 हज़ार से ज़्यादा हो गई है जबकि स्पेन में संक्रमण का मामला क़रीब 2 लाख 41 हज़ार ही है। शनिवार को ही भारत सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में इटली से भी आगे निकल कर छठे स्थान पर आ गया था। भारत में लगातार तीन दिन से हर रोज़ 9 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं।
अब भारत से ज़्यादा संक्रमण के मामले सिर्फ़ चार देशों में हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी एंड मेडिसिन के अनुसार, ये देश हैं- अमेरिका, ब्राज़ील, रूस और इंग्लैंड। अमेरिका में अब तक क़रीब 19 लाख 19 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं। ब्राज़ील में क़रीब 6 लाख 45 हज़ार, रूस में 4 लाख 58 हज़ार और इंग्लैंड में 2 लाख 86 हज़ार मामले सामने आए हैं। भारत के नीचे जो देश हैं वे हैं- स्पेन (2 लाख 41 हज़ार मामले), इटली (2 लाख 34 हज़ार मामले), फ़्रांस (1 लाख 90 हज़ार), पेरु (1 लाख 87 हज़ार), जर्मनी (1 लाख 85 हज़ार मामले) आदि। पूरी दुनिया भर में अब तक 68 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं।
सबसे ज़्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं। वहाँ क़रीब 1 लाख 11 हज़ार लोग मारे गए हैं। ब्राज़ील में क़रीब 35 हज़ार, रुस में क़रीब 5700, इंग्लैंड में क़रीब 40 हज़ार भारत में क़रीब 7 हज़ार और स्पेन में क़रीब 27 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में हाल के दिनों में संक्रमण के मामले काफ़ी ज़्यादा बढ़ गए हैं। पहले जहाँ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे थे, अब संक्रमण के मामले देश भर से आने लगे हैं। देश भर में इधर-उधर फैले प्रवासी मज़दूरों के अपने गृह राज्य और गाँव लौटने के बाद कई राज्यों में संक्रमण के मामले काफ़ी ज़्यादा बढ़ गए हैं। गाँवों में संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। प्रवासियों के लौटने के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में स्थिति गंभीर होने की आशंका है।
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