मामला क्या है?
बता दें कि अप्रैल महीने में चीनी सैनिक लद्दाख और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेख के पास भारतीय सीमा में घुस आए और वहाँ से पीछे हटने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने अपने सैनिक और सैन्य साजो-सामान वहां जमा कर लिए। इससे तनाव बढ़ता गया।गंभीर बातचीत
शनिवार की सुबह भारतीय प्रतिनिधिमंडल चुसुल मोल्दो में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीनी इलाक़े में चीनी चौकी गए। वहां चीनी कमांड मेजर लिन लिउ ने उनका स्वागत किया।शुरुआती औपचारिक बातों के बाद दोनों पक्षों में गंभीर बात शुरू हुई। भारतीय सेना ने प्रेजेन्टेशन के ज़रिए अपनी बात पहले रखी और चीनी सेना से आग्रह किया कि वह अप्रैल की स्थिति बहाल करे।
समय लगेगा
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह उम्मीद करना जल्दबाजी होगी कि पहले दिन की बैठक में ही कोई ठोस नतीजा निकल जाएगा या चीन भारत की बात मान लेगा।यह एक गंभीर और पेचीदा मामला है, लिहाज़ा बातचीत में समय लगेगा। पर दोनों सेनाओं में सौहार्द्रपूर्ण परिवेश में बातचीत हुई, यह बड़ी बात है। इसे सकारात्मक माना जाना चाहिए।
दोनों सेनाओं के प्रतिनिधियों साथ-सा भोजन भी किया। उसके बाद फिर बातचीत हुई।
भारतीय सेना के लोग शाम को अपनी चौकी में लौट आए।
अपनी राय बतायें