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पुलवामा जैसे और हमलों की फ़िराक में था जैश, मंसूबे ध्वस्त

मंगलवार सुबह नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद भारत के विदेश सचिव कृष्ण गोखले ने कहा कि जैश-ए-मुहम्मद कई और आतंकी हमलों की साज़िश रच रहा था। जैश के ख़तरनाक मंसूबों को नेस्तनाबूद करने के लिए ही वायुसेना की ओर से यह कार्रवाई की गई है। 

बता दें कि वायुसेना ने जैश के आतकंवादी शिविर पर हमला किया है, जिसमें उसके बड़े कमांडर, आतंकवादी ट्रेनर और कई अन्य आतंकवादी मारे गए हैं।  

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विदेश सचिव के मुताबिक़, इस आतंकवादी शिविर को जैश मुखिया मौलाना मसूद अज़हर का बहनोई मौलाना युसुफ़ अज़हर उर्फ़ उस्ताद ग़ौरी चला रहा था। पुलवामा में हुए हमले को जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ़ के 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे। 

पुलवामा हमले के बाद से ही देश के लोगों में काफ़ी ग़ुस्सा था और माँग की जा रही थी कि पाकिस्तान को इसका कड़ा जवाब दिया जाना चाहिए।
तमाम राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया था कि वे भारत सरकार के साथ हैं लेकिन उन्होंने भी कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। प्रधानमंत्री मोदी पर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कार्रवाई को लेकर बड़ा दबाव था क्योंकि प्रधानमंत्री बनने से पहले आतंकवाद को लेकर दिए गए उनके भाषणों को सोशल मीडिया में जमकर शेयर किया जा रहा था। लोग सवाल पूछ रहे थे कि मोदी जी, आप पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब कब देंगे, जिसका आप दावा किया करते थे।
हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सेना को कार्रवाई की खुली छूट दे दी गई है। उन्होंने कहा था कि सेना जवाबी हमले की जगह, समय ख़ुद तय करे।

प्रधानमंत्री ने आतंकी गुटों को चेतावनी दी थी कि उन्होंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी है और उन्हें इसकी कड़ी सज़ा दी जाएगी।

पुलवामा हमले के बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि क्या वास्तव में जैश-ए-मुहम्मद भारत में किसी और बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है? हमले के बाद भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद कश्मीर में भारतीय जवानों के काफ़िले पर पुलवामा से भी बड़े हमले करने की योजना बना रहा है। 
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  • ख़ुफ़िया एजेंसियों ने हाल ही में कश्मीर में एक संदेश भी इंटरसेप्ट किया था। संदेश में लिखा था, 'पिछले हफ़्ते हुआ 200 किग्रा का धमाका सिर्फ़ एक खिलौना था और अब 500 किग्रा के धमाके के लिए तैयार हो जाओ।' संदेश में और आतंकी हमलों की चेतावनी दी गई थी और यह भी लिखा था कि पुलवामा हमला सिर्फ़ शुरुआत है। 
ख़ुफ़िया विभाग ने जानकारी दी थी कि कश्मीर में हमलों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से आतंकी स्थानीय कश्मीरी युवाओं का साथ लेने के इरादे से घुसपैठ कर सकते हैं।

मास्टरमाइंड ग़ाज़ी को मार गिराया था

पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद ग़ाज़ी उर्फ़ कामरान को भी सुरक्षा बलों ने हमले के 100 घंटे के भीतर ही 16 घंटे से ज़्यादा तक चली मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। सेना को पुलवामा हमले के बाद से ही ग़ाज़ी की तलाश थी। ग़ाज़ी पाकिस्तान का रहने वाला था। ग़ाज़ी को आईईडी बम बनाने का विशेषज्ञ माना जाता था और उसी ने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल अहमद डार को ट्रेनिंग दी थी। ग़ाज़ी को जैश के मुखिया मसूद अजहर का क़रीबी माना जाता था। 

कुछ दिन पहले ही जैश-ए-मुहम्मद के दो संदिग्ध आतंकवादियों को सहारनपुर के देवबंद से उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद विरोधी जत्थे (एटीएस) ने गिरफ़्तार किया था। इनके नाम शाहनवाज़ और आक़िब अहमद मलिक बताए गए थे। 

जैश ने संसद पर किया था हमला

पुलवामा हमले की ज़िम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने दिसंबर 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले को भी अंजाम दिया था। जैश-ए-मुहम्मद का उद्देश्य भारत से कश्मीर को अलग करना है। इसकी स्थापना मौलाना मसूद अजहर ने की थी। बता दें कि मौलाना मसूद अज़हर को छुड़ाने के लिए ही आतंकियों ने साल 1999 में कंधार में विमान का अपहरण कर लिया था।

सितंबर 2002 में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के दो आतंकियों ने गुजरात के गाँधी नगर में अक्षरधाम मंदिर में हमला किया था। 2016 को पठानकोट में जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरफ़ोर्स स्टेशन पर हमला किया था और इसमें 7 जवान शहीद हो गए थे।
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क़मर वहीद नक़वी

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