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वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई दो हफ़्तों के लिए एंकरिंग से हटाए गए

चैनलों की गलाकाट प्रतिस्पर्द्धा और पहले खबर चलाने की होड़ के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण घटना हुई है। इंडिया टुडे ने अपने कंसलटिंग एडिटर और वरिष्ठ एंकर राजदीप सरदेसाई को दो हफ़्तों के लिए 'ऑफ एअर' कर दिया है, यानी उन्हें इस समय के लिए एंकरिंग से हटा दिया है। इतना ही नहीं, उनका एक महीने का वेतन भी काट लिया गया। 

मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हिंसा हुई थी। उस दौरान इस वरिष्ठ पत्रकार ने टेलीविज़न चैनल पर कहा था कि पुलिस की गोलीबारी में एक किसान की मौत हो गई। उन्होंने ट्वीट भी किया था, "आईटीओ पर पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति, 45 साल के नवनीत सिंह की मौत हो गई। किसानों ने मुझसे कहा है कि यह शहादत बेकार नहीं जाएगी।"

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मामला क्या है?

पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर पलटने से उस व्यक्ति की मौत हो गई थी। बाद में पुलिस ने एक वीडियो जारी किया और कहा कि ट्रैक्टर नियंत्रण से बाहर हो गया और पलट गया। 

इसके बाद राजदीप सरदेसाई ने यह जानकारी दी कि नवनीत सिंह की मौत टैक्टर पलटने से हुई। 

उन्होंने ट्वीट किया, "आन्दोलनकारी किसानों ने दावा किया कि नवनीत सिंह को पुलिस की गोली लगी, इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि बैरिकेड तोड़ने की कोशिश में ट्रैक्टर पलट गया।  आन्दोलनकारी किसानों का आरोप सही नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।" 

उन्होंने ट्वीट में पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि उसने काफी संयम बरता है।

बीजेपी के निशाने पर

इसके बावजूद राजदीप सरदेसाई बीजेपी के निशाने पर हैं। बीजेपी सांसद कपिल मिश्रा ने इस पत्रकार की गिरफ़्तारी की माँग की है।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राजदीप सरदेसाई को हटाने की माँग की है। 

राजदीप सरदेसाई के इस ट्वीट पर उन्हें ट्रोल किया गया। सुजय विश्वास ने @SujoyBi39580922 हैंडल से कहा कि "किसान जो कुछ कर रहे हें, ग़लत है, उन्हें कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता।" 

एम. एस. रैना ने @ms_rana हैंडल से ट्वीट किया, "राजदीप, समय से पहले किसी नतीजे पर न पहुँचे।"

क्या हुआ था मंगलवार को?

बता दें कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आन्दोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड रखी थी। उसके लिए दिल्ली पुलिस की अनुमति मिल गई और रूट तय हो गया। लेकिन कुछ लोगों ने इसका उल्लंघन किया और वे बैरिकेड तोड़ कर दूसरे रूट से दिल्ली में दाखिल हो गए। उसके बाद जगह-जगह हिंसा हुई, तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, आँसू गैस के गोले छोड़े।

आईटीओ पर सबसे ज़्यादा पुलिस वाले तैनात थे, लेकिन सारी दिशाओं से आने वाले किसान भी वहीं पहुँच रहे थे। एक ट्रैक्टर वाला बैरिकेड तोड़ने के लिए तेज़ी से ट्रैक्टर चलाते हुए आगे बढ़ा, उसका नियंत्रण नहीं रहा और ट्रैक्टर पलट गया। उस पर सवार व्यक्ति की मौत हो गई।

इस घटना पर बहुत विवाद हुआ। मारे गए व्यक्ति के परिजनों ने कहा कि वह पुलिस की गोली से मरा है, पर पुलिस का कहना है कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई। 

बाद में प्रदर्शनकारी लाल किला पहुँच गए। सैकड़ों लोग लाल किला परिसर में दाखिल हो गए। इसके बाद वे लाल किले के प्राचीर पर चढ़ गए और वहां सिखों का पवित्र झंडा निशान साहिब फहरा दिया। 

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क़मर वहीद नक़वी

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