loader

पाकिस्तान के भारी दबाव में हैं कुलभूषण जाधव, विदेश मंत्रालय ने कहा

पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने सोमवार को वहाँ की जेल में क़ैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मुलाक़ात की है। मुलाक़ात के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के भारी दबाव में हैं। मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के बेबुनियाद दावों की वजह से कुलभूषण दबाव में है। मंत्रालय ने कहा है कि वह विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में फ़ैसला करेगा। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कुलभूषण की माँ से भी बात की है और उन्हें कुलभूषण से हुई बातचीत की जानकारी दी है। बता दें कि भारत जाधव को वतन वापस लाने की हर संभव कोशिश में जुटा है। बताया जाता है कि यह मुलाक़ात दो घंटे चली। 

इससे पहले इस साल जुलाई महीने में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए और यह उसका अधिकार है। अदालत ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान ने वियना समझौते का उल्लंघन किया है। तब पाकिस्तान को जोरदार झटका लगा था क्योंकि अदालत ने जाधव के पक्ष में 15-1 से फ़ैसला सुनाया है। 

कोर्ट ने फ़ैसले में कहा था कि इस मामले का दोबारा ट्रायल होना चाहिए और पाकिस्तान को इस फ़ैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। आईसीजे फ़ैसले को भारत की बड़ी जीत माना गया था। 

49 साल के नेवी के रिटायर्ड अफ़सर जाधव को 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने गिरफ़्तार कर लिया था। पाकिस्तान का आरोप है कि कुलभूषण जाधव जासूस हैं जबकि भारत का कहना है कि जाधव कारोबार के सिलसिले में ईरान गये थे।

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन भारत ने इसके ख़िलाफ़ 8 मई, 2017 को आईसीजे में अपील की थी। भारत ने कहा था कि जाधव तक काउंसलर एक्सेस देने से बार-बार इनकार करके पाकिस्तान ने वियना संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। 

दिसंबर 2017 में पाकिस्तान ने जाधव की माँ अवंति और पत्नी चेतना को उनसे मिलने की अनुमति दी थी। तब भारत ने आरोप लगाया था कि उस दौरान पाकिस्तान की सरकार ने जाधव की माँ और पत्नी का उत्पीड़न किया था। भारत ने कहा था कि दोनों से उनके कपड़े बदलने और मंगलसूत्र उतारने के लिए कहा गया था और उन्हें मराठी और हिंदी में बोलने से रोका था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें