मोदी ने अपने भाषण में नारा लगाते हुए कहा, 'अबकी बार ट्रंप सरकार!' बात यहीं नहीं रुकी। मोदी ने कहा कि यदि इस बार भी ट्रंप चुनाव जीतते हैं और दुबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो यह भारत के लिए अच्छा होगा।
ग़ैर-राजनीतिक कार्यक्रम में राजनीति!
बता दें कि मोदी का यह कार्यक्रम किसी पार्टी का नहीं था। कार्यक्रम की शुरुआत में अमेरिकी संसद कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों ही दलों के लोग थे। मोदी के स्वागत में जिस सांसद स्टेनी हॉयर ने भाषण दिया, वह डेमोक्रेट हैं और कांग्रेस के बहुमत के नेता हैं। ह्यूस्टन के मेयर सिलवस्टर टर्नर ने सम्मान स्वरूप शहर की चाबी भारतीय प्रधानमंत्री को सौंपी। वह भी डेमोक्रेट्स हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में दोनों ही दलों के लोग थे, यानी यह राजनीतिक रूप से निष्पक्ष कार्यक्रम था। ऐसे में किसी एक दल के राष्ट्रपति के जीतने की बात कहने से कई तरह के सवाल उठते हैं।अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप
यह कहा जाने लगा है कि यह अमेरिका के चुनाव और इस तरह उसके अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप है। पिछले चुनाव में रूस पर यह आरोप लगा था कि उसने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित किया था। यह कहा गया था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार ने जानबूझ कर डेमोक्रेट्स उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को नुक़सान और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप को फ़ायदा पहुँचाया था।'अबकी बार, ट्रंप सरकार'
भारत ने ऐसा कुछ नहीं किया है। पर भारत के प्रधानमंत्री ने 50 हज़ार वोटरों के सामने 'अबकी बार, ट्रंप सरकार' का नारा ज़रूर लगा दिया।ट्रंप के प्रचार अभियान की रंगारंग शुरुआत?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह और उनका प्रशासन अमेरिका का दोस्त है, उनके सत्ता में रहने के दौरान भारतीयों ने जितना अमेरिका में निवेश किया है, उसके पहले कभी नहीं किया था। उनके कार्यकाल में भारतीयों ने हज़ारों नौकरियाँ पैदा की हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ था। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका प्रशासन भारत का सबसे अच्छा दोस्त है और भारत उस पर भरोसा कर सकता है। ट्रंप ने भारतीय कंपनी पेट्रोनेट के अमेरिका में 2.50 अरब डॉलर निवेश करने के फैसले का भी श्रेय ले लिया और बताया कि उनकी वजह से ही यह सब हुआ है।डोनल्ड ट्रंप ने जिस तरह अपने कार्यकाल की उपलब्धियाँ गिनाईं और बताया कि उन्होंने कितना कुछ किया है, साफ़ था, वह भारतीय मूल के अमेरिकियों के बीच इस साल अंत में शुरू होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की रंगारंग शुरुआत कर रहे थे, जैसी उनकी शैली रही है।
कांग्रेस ने उठाया सवाल
विपक्ष दल कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है, 'प्रधानमंत्री जी, किसी दूसरे देश के घरेलू चुनावों में हस्तक्षेप करने की भारत की विदेश नीति का उल्लंघन किया है। अमेरिका के साथ हमारा रिश्ता बगै़र किसी दल का पक्ष लिए रहा है और डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों से ही बराबर रिश्ता रखते आए हैं। ट्रंप के लिए प्रचार कर आपने इसका उल्लंघन किया है क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं और सार्वभौम हैं।'Our relationship with the United States of America have throughout been bipartisan, vis-à-vis Republicans and Democrats. Your actively campaigning for Trump is a breach of both India and America as sovereign nations and democracies.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) September 22, 2019
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मैं आपको याद दिला दूँ कि आप हमारे प्रधानमंत्री हैं, अमेरिकी चुनावों के स्टार प्रचारक नहीं।
आनंद शर्मा, नेता, कांग्रेस
ट्रंप ने जिस तरह कश्मीर के मुद्दे पर दो-तीन बार हस्तक्षेप किया और मध्यस्थता करने की बात कह दी, उससे भारतीय विदेश मंत्रालय के लोग परेशान थे। यही वजह है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय को सफ़ाई देनी पड़ी थी कि कश्मीर पर वाशिंगटन की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। ऐसे व्यक्ति को जिताने की खुल्लमखुल्ला अपील करना वाकई किसी के गले नहीं उतर रहा है।
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