वामपंथी कमला हैरिस?
कमला हैरिस इतनी उदारवादी हैं कि उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर समाजवादी खेमे का प्रतिनिधि माना जाता है। उनके नाम का एलान होते ही रिपब्लिकन पार्टी की नेता लिज़ चेनी ने ट्वीट कर लोगों को चेतावनी दी यदि कमला उप राष्ट्रपति बन गईं तो जो बाइडन को वामपंथी खेमे में घसीट ले जाएंगी और उनके प्रशासन का स्वरूप वामपंथी हो जाएगा।कमला हैरिस का यह उदारवादी, वामपंथी, समग्रग्राही स्वरूप भारत के मौजूदा सत्तारूढ़ दल के दक्षिणपंथी चरित्र से बिल्कुल मेल नहीं खाता है। कमला हैरिस अमेरिकी समाज के अल्पसंख्यकों मसलन, अश्वेत, लातिन अमेरिकी, हिस्पानिक, एशियाई लोगों के साथ खड़ी रही हैं।
कश्मीर
सबसे बड़ा और जीता जागता मामला जम्मू-कश्मीर का है। अनुच्छेद 370 में संशोधन कर और अनुच्छेद 35 ए को ख़त्म कर नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस तरह इस राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म किया और उसके बाद जिस तरह पूरे कश्मीर में लॉकडाउन लगाया, उसका विरोध भारत ही नहीं विदेशों में भी हुआ।भारत को कमला की चेतावनी
उस दौरान कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कमला हैरिस ने एक तरह से भारत सरकार को चेतावनी दे दी,हम कह सकते हैं, धमकी दे डाली। उन्होंने कहा,“
‘हम कश्मीरियों को यह याद दिला दें कि वे दुनिया में अकेले नहीं हैं। हम स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए हैं। यदि ज़रूरत हुई तो हम हस्तक्षेप कर सकते हैं।’
कमला देवी हैरिस, उप राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार, अमेरिका
बीजेपी-डेमोक्रेट्स टकराव
दक्षिणपंथी, अनुदार, भारत पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाने वाले डोनल्ड ट्रंप के लिए भारतीय प्रधानमंत्री भले ही खुले आम ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार’ का नारा लगा दें, वह डेमोक्रेटिक पार्टी के लोगों को नापसंद करते हैं। मोदी सरकार और इसकी वजह उनकी नीतियों से डेमोक्रेट्स नीतियों का टकराव है।भारतीय विदेश मंत्री का विरोध
भारत के विदेमंत्री एस. जयशंकर ने इस प्रस्ताव की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि यदि उनसे मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में जयपाल शामिल हुईं तो वह इस प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात नहीं करेंगे। मुलाक़ात का वह कार्यक्रम रद्द कर देना पड़ा।“
‘किसी भी विदेशी सरकार के लिए यह कहना ग़लत है कि कैपिटॉल हिल पर होने वाली बैठकों में कौन भाग लेगा।’
कमला देवी हैरिस, उप राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार, अमेरिका
कैपिटॉल हिल यानी वह जगह जहाँ अमेरिकी सत्ता प्रतिष्ठान के मुख्य स्तंभ अमेरिकी कांग्रेस और राष्ट्रपति भवन वगैरह स्थित हैं।
यानी कमला हैरिस ने भारतीय विदेश मंत्री का विरोध किया था।
जो बाइडन
लेकिन कश्मीर पर रुख सिर्फ कमला हैरिस का ही नहीं है, राष्ट्रपति के डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन का भी यही रुख है। यह उनके उम्मीदवार बनने के बाद जारी पॉलिसी स्टेटमेंट से साफ़ है। इसमें कश्मीर की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा गया है,“
‘भारत सरकार को कश्मीर के लोगों के अधिकार को बहाल करने के लिए ज़रूरी कदम उठाना चाहिए। असहमति को दबाने, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने और इंटरनेट को धीमा करने या उस पर प्रतिबंध लगाने से लोकतंत्र कमज़ोर होता है।’
जो बाइडन के पॉलिसी स्टेटमेंट का अंश
सीएए
इसी तरह समान नागरिकता क़ानून और नैशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स पर भी डेमोक्रेटिक पार्टी, जो बाइडन और कमला हैरिस के विचार भारत सरकार की नीतियों से एकदम उलट है।
समान नागरिकता क़ानून का विरोध अमेरिका में हुआ था और भारतीय मूल के नेताओं ने भी उसका विरोध किया था। इसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों ही थे।
भारतीय मूल के राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, कमला हैरिस, अमी बेरा और रो खन्ना ने इसका विरोध किया था।
जो बाइडन ने अपने पॉलिसी स्टेटमेंट में इसका ज़िक्र ही नहीं किया था, इस पूरी नीति के ख़िलाफ़ अपनी राय रखी थी और भारत सरकार की आलोचना की थी। जो बाइडन के इस एजेंडे में समान नागरिकता क़ानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बारे में कहा गया है,
“
‘भारत सरकार ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स को लागू करने और देश में नागरिकता संशोधन क़ानून को पारित करने के लिए भारत सरकार ने जो कुछ किया, उससे जो बाइडन निराश हैं।
जो बाइडन के पॉलिसी स्टेटमेंट का अंश
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