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साध्वी की चिट्ठी, जिसने खोला गुरमीत राम रहीम का कच्चा चिट्ठा

जिस गुरमीत राम रहीम के लाखों अनुयायी थे जो उसके एक इशारे पर कुछ भी कर सकते थे, वह आख़िर कैसे फँसा और कैसे पुलिस ने उसे धर दबोचा, यह बेहद दिलचस्प है। दरअसल, डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख अपनी यौन लिप्सा की वजह से ही फँसा और फ़िलहाल जेल में है। सीबीआई जाँच से यह पता चला कि गुरमीत साध्वी बन चुकी लड़कियों के भोलेपन का फ़ायदा उठा कर उन्हें फँसाता था और उनका यौन शोषण करता था।

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ऐसी ही एक साध्वी से यह कहा गया कि उसे ‘पिताजी’ यानी गुरमीत ने अपने गुफ़ा में बुलाया है। जब वह उसके आलीशान गुफ़ा में पहुँची और ‘धन धन सत गुरु तेरा आसरा’ कह कर राम रहीम का अभिवादन किया और तो वह उसे अंदर ले गया। गुरमीत ने उससे पूछा कि क्या उसने अपने जीवन में कभी पाप किया तो साध्वी ने कहा कि कॉलेज के दिनों में वह एक लड़के के संपर्क में थी जो शायद उसे बदनाम करना चाहता था
गुरमीत ने कहा कि इस वजह से वह अपवित्र हो चुकी है और उसका शुद्धीकरण ज़रूरी है। लेकिन चूँकि उसने अपना तन-मन पिताजी यानी गुरमीत को सौंप दिया है, वह उसका शुद्धीकरण करेंगे। इसके लिए गुरमीत उस साध्वी के साथ यौन क्रिया करेंगे।
 उसके मना करने पर डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख ने उस साध्वी के साथ बलात्कार किया। एक साल बाद फिर गुरमीत ने उस साध्वी के साथ उसी गुफ़ा में बलात्कार किया। उसके विरोध करने पर गुरमीत ने कहा कि उसकी बात कोई नहीं सुनेगा, कोई यकीन नहीं करेगा, लिहाज़ा विरोध का कोई मतलब नहीं है। 

उस साध्वी ने पूरा ब्योरा देते हुए एक चिट्ठी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम लिखी। इस ख़त को सिरसा के पत्रकार पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने 2002 में अपने अख़बार ‘पूरा सच’ में प्रकाशित किया था। उसके बाद ही यह मामला सामने आया। 

Letter on Dera Sacha Sauda chief Gurmeet Ram Rahim - Satya Hindi

क्या था उस ख़त में?

उस साध्वी ने चिट्ठी में प्रधानमंत्री से माँग की थी कि डेरे में रहने वाली सैकड़ों युवतियों के साथ होने वाले बलात्कार की जाँच की जाए। उसने लिखा. 

गुरमीत ने किया बलात्कार

मेरा यह पहला दिन था।  महाराज ने मेरे को बाँहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं।

तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था। तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही ख़ुदा हैं।
तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था। तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही ख़ुदा हैं। 

  • श्रीकृष्ण भगवान थे, उनके यहां 360 गोपियां थीं जिनसे वह हर रोज प्रेम लीला करते थे, फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं, यह कोई नई बात नहीं है।
  • हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण पखेरू उड़ा कर दाह संस्कार कर सकते हैं।
  • तुम्हारे घरवाले इस प्रकार से हमारे पर विश्वास करते हैं व हमारे ग़ुलाम हैं। वह हमारे से बाहर जा नहीं सकते,  यह तुमको अच्छे से पता है।
  • हमारी सरकार में बहुत चलती है। हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब के केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं। राजनीतिज्ञ हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे ख़िलाफ़ कभी नहीं जाएंगे।
  • हम तुम्हारे परिवार के नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे, सभी सदस्यों को अपने सेवादारों (गुंडों) से मरवा देंगे, सबूत भी नहीं छोड़ेंगे। यह तुम्हें अच्छी तरह पता है कि हमने गुंडों से पहले भी डेरे के प्रबंधक फकीर चंद को खत्म करवा दिया था, जिनका अता-पता तक नहीं है, न ही कोई सबूत बकाया है।

वेश्याओं जैसी हालत

इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन मास में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है।  मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं, उन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। इनमें ज़्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं, मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं।

हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख न उठाकर देखना, आदमी से 5-10 फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है। दिखाने में देवी हैं मगर हमारी हालत वेश्याओं जैसी है।

'मैं मजबूर हूँ'

मैंने एक बार अपने परिवारवालों को बताया कि डेरे में सबकुछ ठीक नहीं है, तो मेरे घर वाले गुस्से में होते हुए कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए  ठीक नहीं है तो ठीक कहाँ है? तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं, सतगुरु का सिमरण किया कर।
मैं मजबूर हूँ। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियाँ आपस में बात नहीं कर सकतीं। घरवालों से टेलीफोन पर बात नहीं कर सकतीं। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक़्म है कि उसका मुंह बंद कर दो।

कहानी दूसरी लड़कियों की

  • पिछले दिनों बठिंडा की साध्वी ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने पर्दाफाश किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा। वह आज भी घर पर इस मार के कारण बिस्तर पर पड़ी है। जिसका पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप घर बैठा दिया है, जो चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता रही।
  • एक कुरुक्षेत्र जिले की एक साध्वी जो घर आ गई है, उसने अपने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, वह सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है।
  • संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा।
  • इसी प्रकार कई लड़कियाँ जैसे कि जिला मानसा, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं। वे घर जाकर भी चुप हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है।
  • इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियाँ  डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नही बोल रही हैं।

जाँच की माँग

अत: आपसे अनुरोध है कि अगर मैं इसमें अपना नाम-पता लिखूंगी तो इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा। मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूंँ।जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूँ। अगर आप किसी भी एजेंसी से जाँच करवाएँ तो डेरे में मौजूद 40-45 लड़कियाँ जो कि भय और डर में हैं, पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। 

हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधु हैं या नहीं। हमारी मेडिकल रिपोर्ट ये साफ बता देगी कि हमारी ज़िंदगी डेरा सच्चा सौदा के महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी संत के द्वारा तबाह की गई हैं।
हमने उस साध्वी की चिट्ठी जस की तस छाप दी है। इससे यह साफ़ होता है कि राम रहीम ने किस तरह महिलाओं का यौन शोषण किया और किस तरह वे सब कुछ सहती रहीं। लेकिन उसमें एक साध्वी ने हिम्मत कर एक अनाम चिट्ठी लिखी और गुरमीत का भांडा फूट गया।   

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क़मर वहीद नक़वी

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