लोकपाल सदस्य जस्टिस एके त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) का कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण निधन हो गया। वह दो अप्रैल से हॉस्पिटल में भर्ती थे। उनके संपर्क में आईं उनकी बेटी और कूक को भी वायरस का संक्रमण हुआ था लेकिन दोनों बीमारी से उबर चुके हैं। जस्टिस त्रिपाठी लोकपाल में नियुक्त चार न्यायिक सदस्यों में से एक थे। लोकपाल को उच्च सरकारी पदों पर बैठे अफ़सरों, मंत्रियों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनने और उस पर कार्रवाई करने के लिए बनाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 62 वर्षीय जस्टिस त्रिपाठी को एम्स में भर्ती कराया गया था। स्थिति ख़राब होने पर ट्रोमा वार्ड के आईसीयू में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। लेकिन उनकी स्थिति और ज़्यादा ख़राब होती गई। शनिवार देर शाम क़रीब पौने नौ बजे उनका निधन हो गया। बता दें कि एम्स के ट्रोमा वार्ड को कोरोना मरीज़ों के इलाज के लिए तैयार किया गया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस त्रिपाठी आख़िरी बार 20 मार्च को बैठक में शामिल हुए थे। जब वह पॉजिटिव पाए गए थे तब लोकपाल कार्यालय वाले भवन को सैनिटाइज़ किया गया था। सभी लोकपाल मेंबरों के रहने के लिए तय दिल्ली के किदवई नगर के अपार्टमेंट को भी सैनिटाइज़ किया गया था।
जस्टिस त्रिपाठी ने पटना हाई कोर्ट में एक वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। 2006 में वह पटना हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज बने थे। उन्होंने पटना में चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वह बेंगलुरु में नेशनल लॉ स्कूल की अकादमिक परिषद के सदस्य बने।
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