अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर लगी महात्मा गाँधी की प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों ने नुक़सान पहुँचाया है। इस घटना के लिए भारत में अमेरिका के राजदूत ने माफ़ी माँगी है। अब यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस इस मामले की तहकीकात कर रही है। बताया जा रहा है कि यह घटना दो और तीन जून की रात में हुई है।
दुनिया भर में शांति और अहिंसा के दूत माने जाने वाले महात्मा गाँधी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ तब हुई तब अफ़्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस बर्बरता के चलते हुई मौत के बीच पूरे अमेरिका में ज़बरदस्त प्रदर्शन चल रहा है। कथित तौर पर इस नस्लीय भेदभाव से हुई इस मौत के बाद अमेरिका में हर जगह विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। कई जगहों पर हिंसा, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाएँ भी हुई हैं। इसी दौरान वाशिंगटन में गाँधी की मूर्ति के साथ बदसलूकी की गई। अज्ञात बदमाशों ने महात्मा गाँधी की प्रतिमा को ग्राफिटी और स्प्रे पेंटिंग से बिगाड़ दिया। इस मामले की शिकायत अमेरिकी अधिकारियों से की गई। इसकी जाँच की जा रही है और दोषियों का पता लगाया जा रहा है।
इस बीच भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने माफ़ी की पेशकश की। उन्होंने 'एएनआई' से कहा, 'वाशिंगटन डीसी में गाँधी की प्रतिमा के साथ बदसलूकी के लिए हमें खेद है। कृपया हमारी ईमानदारीपूर्वक क्षमायाचना को स्वीकार करें।'
बता दें कि अमेरिका में महात्मा गाँधी को नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जैसे विश्व के नेताओं की तरह ही सम्मान दिया जाता रहा है। गाँधी की मूर्ति का अनावरण अमेरिका की 16 सितंबर 2000 की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेई ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में किया था। भारतीय दूतावास की वेबसाइट के अनुसार महात्मा गाँधी की आठ फुट आठ इंच की प्रतिमा काँसे की बनी है। इसी मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की गई है।
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