loader
mahua moitra criminal defamation case sudhir chaudhary

मोइत्रा ने किया सुधीर चौधरी पर आपराधिक मानहानि का मुक़दमा

‘फ़ासीवाद के 7 लक्षण’ विवाद पर सांसद महुआ मोइत्रा ने अब ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दायर कराया है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रीति परेवा ने 20 जुलाई के लिए इस मामले को सूचीबद्ध किया है। उसी दिन महुआ मोइत्रा का बयान दर्ज किया जाएगा। बता दें कि यह मामला 25 जून को तृणमूल कांग्रेस की पहली बार चुनी गई सांसद महुआ मोइत्रा के संसद में दिए भाषण से जुड़ा है। उन्होंने अपने पहले ही भाषण में नरेंद्र मोदी सरकार पर ज़बरदस्त हमला करते हुए उसे फ़ासीवाद से जोड़ा था और फ़ासीवाद के सात लक्षण गिनाए थे। मोइत्रा द्वारा ज़िक्र किए गए इन सात लक्षणों को लेकर सुधीर चौधरी ने टीवी पर एक कार्यक्रम कर ‘प्लैग्यराइज़’ यानी दूसरे के ग्रंथ में से चोरी करने का आरोप लगाया था। हालाँकि इसके लेखक ने इसे ग्रंथ से चोरी जैसे आरोपों से इनकार किया था। बता दें कि मोइत्रा ने संसद में अपने भाषण में उस लाइन और उसके लेखक के नाम का ज़िक्र भी किया था।

ताज़ा ख़बरें

इस घटनाक्रम के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस नेता व सांसद महुआ मोइत्रा और सुधीर चौधरी के बीच तल्खी बढ़ी हुई है। अब मोइत्रा के लिए अपील करते हुए अधिवक्ता शादान फरसाट के साथ अधिवक्ता आदित पुजारी ने कहा कि उनका भाषण संयुक्त राज्य अमेरिका के संग्रहालय में एक होलोकॉस्ट पोस्टर से प्रेरित था। बता दें कि पोस्टर में प्रारंभिक फासीवाद के 14 लक्षण थे। सांसद ने इसमें से 7 लक्षणों का ज़िक्र भारत के संदर्भ में किया था। उनके इस भाषण की देश-विदेश में काफ़ी चर्चा रही।

मजिस्ट्रेट के सामने वकील ने कहा कि मोइत्रा ने स्पष्ट रूप से स्रोत की जानकारी दी थी और कहा था कि संकेत उक्त पोस्टर से लिए गए थे। हालाँकि, सुधीर चौधरी ने एक प्रसारण चलाया जिसमें कहा गया था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में ‘घृणा से भरे भाषण’ दिया। अपने प्रसारण में चौधरी ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा के विचार उनके ख़ुद के नहीं थे, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संदर्भ में मार्टिन लांगमैन द्वारा लिखे गए एक लेख से 'कॉपी-पेस्ट' किए गए थे। इस आरोप के बाद मोइत्रा ने संंसद में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया था, हालाँकि इस पर कार्रवाई नहीं हुई थी।

क्या कहा था मोइत्रा ने?

सांसद ने 25 जून को अमेरिकी होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूज़ियम के बाहर लगे पोस्टर की चर्चा की थी, जिस पर फ़ासीवाद के सभी लक्षण लिखे हुए हैं। उन्होंने इसके साथ ही पूछा, ‘हमें यह तय करना होगा कि हम इतिहास के किस तरफ होना चाहते हैं-उस तरफ जो संविधान की रक्षा करता है या उस तरफ जो संविधान को ख़त्म कर देना चाहता है।’ 

उन्होंने तीखे तंज के साथ कहा कि ‘आप यह कह सकते हैं कि अच्छे दिन आ गए हैं और सरकार ऐसा भारतीय साम्राज्य बनाना चाहती है जिसमें सूरज कभी नहीं डूबेगा, लेकिन आप खोलने पर पाएँगे कि देश के टुकड़े-टुकड़े होने के लक्षण दिख रहे हैं।’

देश से और ख़बरें

मोइत्रा ने गिनाए थे फ़ासीवाद के 7 लक्षण

महुआ मोइत्रा ने फ़ासीवाद के जो 7 लक्षण गिनाए थे, उनमें प्रमुख हैं- दिखावे का राष्ट्रवाद जो देश के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करता हो, मानवाधिकारों के प्रति ज़बरदस्त नफ़रत, असहमति को दबाना, संचार माध्यमों पर नियंत्रण, राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अत्यधिक मोह और धर्म व सरकार का गठजोड़। 

उन्होंने कहा था कि ‘दिखावे का, संकीर्ण और विदेश से घृणा करने वाला राष्ट्रवाद निर्णय करने की वासना है, एक होने की इच्छा नहीं।’ उन्होंने असम के नागरिक रजिस्टर के बारे में नाम लिए बगैर नरेंद्र मोेदी और स्मृति ईरानी पर तंज करते हुए कहा, जिस देश में मंत्री गण यह सर्टिफ़िकेट नहीं दिखा सकते कि वे किस कॉलेज से पास हुए हैं, वहाँ ग़रीब और वंचित लोगों से उम्मीद की जाती है कि वे यह साबित करें कि वे इसी देश में रहते हैं।

उन्होंने यह भी कहा था कि पहलू ख़ान से लेकर झारखंड की ताज़ा घटना तक देश में नफ़रत की वजह से होने वाले अपराध लगातार बढ़े हैं। उन्होंने कहा था, नफ़रत की वजह से होने वाले अपराध साल 2014 और 2019 के बीच अपराध दस गुण बढ़े हैं। यह तो ई-कॉमर्स स्टार्ट अप की तरह लगता है। देश में ऐसे लोग हैं जो इस तरह के अपराध को आगे बढ़ा रहे हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें