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भारतीय इलाक़े पर चीनी कब्जे के सवाल पर सरकार का जवाब गोलमोल, निशाने पर राहुल

क्या चीनी सेना ने लद्दाख में घुस कर भारतीय ज़मीन पर कब्जा कर लिया है? केंद्र सरकार इस सवाल पर अभी भी गोलमोटल जवाब ही दे रही है। वह इसे न स्वीकार कर रही है, न इनकार। उल्टे इस सवाल को पूछने वाले कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को ही निशाने पर ले रही है और उन्हें कटघरे में खड़ा करते हुए कई तरह के सवाल कर रही है। 
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि सरकार बताए कि चीनी सेना ने लद्दाख में भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है या नहीं।

प्रसाद ने किया पलटवार

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने इस पर राहुल गाँधी को घेरते हुए कहा कि 'इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े सवाल ट्विटर पर नहीं पूछे जाते हैं।' प्रसाद ने कहा,

'राहुल गाँधी वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने बालाकोट हवाई हमले और 2016 में उरी हमले के बाद सबूत माँगे थे।'


रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री

क्या कहा था राहुल ने?

राहुल गाँधी ने बुधवार को सुबह ट्वीट किया था, 'चीनी अंदर घुस आए हैं और लद्दाख में हमारी इलाक़े पर कब्जा कर लिया है। प्रधानमंत्री इस पर बिल्कुल चुप हैं, वह दृश्य से एकदम गायब हैं।'
गाँधी ने इसके पहले कहा था कि सरकार यह साफ़ करे कि चीनियों ने भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है या नहीं।
इस बुनियादी सवाल पर सरकार चुप है। कुल मिला कर मामला यही फँसा हुआ है और सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हैं।

मामला क्या है?  

बता दें कि चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय इलाक़े में घुस कर कुछ जगहों पर कब्जा कर लिया, वे भारतीय सैनिकों के कहने पर भी वहाँ से नहीं हटे। इस पर स्थानीय कमांडर स्तर की बातचीत नाकाम हुई, कूटनीतिक बातचीत नाकाम हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 'अच्छी संख्या' में चीनी सैनिक हैं और भारत ने भी अपने सैनिक वहां भेजे हैं।

न तो प्रधानमंत्री, न रक्षा मंत्री और न ही विदेश मंत्री ने यह साफ़ किया है कि चीन ने भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है या नहीं। राहुल गाँधी का यही सवाल है।
सवाल पूछने वाले राहुल को निशाने पर लेने को अंग्रेज़ी में कह सकते हैं, ‘शूटिंग द मैसेंजर’, यानी जानकारी देने वालो को ही गोली मारना।

बीजेपी सांसद ने कांग्रेस को घेरा

राहुल गाँधी ने सवाल रक्षा मंत्री से किया था, सरकार इस पर चुप है, पर बीजेपी के लद्दाख से चुने गए सांसद जाम्यांग त्सेरिंग नामग्याल ने इसका जवाब ज़रूर दे दिया। 

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'हाँ, चीनियों ने भारतीय इलाक़ों पर कब्जा कर लिया।' और उसके बाद वे बताने लगते है कि किस तरह चीनियों ने अतीत में कांग्रेस शासन में भारतीय इलाक़ों पर कब्जा कर लिया।

नामग्याल के मुताबिक़, चीनियों के कब्जे वाले इलाक़े है:  

  • कांग्रेस शासनकाल में 1962 में अक्साइ चिन का 37,244 किलोमीटर का इलाक़ा। 
  • पीएलए ने 2008 में डेमचोक में ज़ोरावर फोर्ट नष्ट कर दिया और 2012 में अपना ऑब्जर्वेशन प्वाइंट बना लिया।
  • साल 2008-2009 में दुंगटी और डेमचोक के बीच का इलाक़ा भारत के साथ से निकल गया। 
  • यूपीए के समय 2008 में चुमुर इलाक़े में तिया पांगनाक और चाबजी घाटी। 

राहुल गाँधी का सवाल अब भी वहीं है, केंद्र सरकार ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। इससे तो यही संदेह बनता है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाक़ों पर कब्जा कर लिया है। लेकिन सरकार खुले आम यह स्वीकार नहीं करना चाहती है, क्योंकि इससे उस पर राजनीतिक हमला हो सकता है और उसके उग्र राष्ट्रवाद वाली छवि को धक्का लग सकता है। 
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क़मर वहीद नक़वी

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