बसवराज बोम्मई
भाजपा - शिगगांव
अभी रुझान नहीं
मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री लदी हुई कार से जुड़े मामले के तार अब तिहाड़ जेल से जुड़ते दिख रहे हैं। दरअसल, जैश-उल-हिंद के नाम से विस्फोटक सामग्री और कार की ज़िम्मेदारी लेने वाला जो मैसेज भेजा गया था उसे एक टेलीग्राम चैनल से भेजा गया था। और उस टेलीग्राम चैनल को कथित तौर पर तिहाड़ जेल में बनाया गया था। एक निजी साइबर एजेंसी ने यह दावा किया है। एक सरकारी एजेंसी द्वारा इस मामले की पड़ताल करने के लिए संपर्क करने पर निजी एजेंसी ने इसकी जाँच की है। फ़िलहाल इस मामले की जाँच एनआईए कर रही है।
देश के सबसे रईस इंसान और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फ़रवरी को एक संदिग्ध कार में विस्फोटक पदार्थ मिले थे। इसके बाद एक संदेश मिला था। ख़बरों के मुताबिक़, आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद के नाम से संदेश में लिखा था, 'रोक सकते हो तो रोक लो, तुम कुछ नहीं कर पाए थे जब हमने तुम्हारी नाक के नीचे दिल्ली में तुम्हें हिट किया था, मुंबई में एसयूवी पार्क करने वाले सही सलामत अपने घर पहुंच गए हैं यह तो एक ट्रेलर था अभी बड़ी पिक्चर आनी बाक़ी है।'
लेकिन बाद में जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने ही इसको खारिज किया था और कहा था कि उसने कभी भी मुकेश अंबानी को कोई धमकी नहीं दी है। जैश-उल-हिंद ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि उसकी मुकेश अंबानी से कोई लड़ाई नहीं है और मीडिया में वायरल हो रहा पत्र पूरी तरह फर्जी है।
अब निजी साइबर एजेंसी ने कहा है कि इसके संदेश टेलीग्राम चैनल के माध्यम से भेजे गए। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, पहला संदेश जिस चैनल से भेजा गया उसे 26 फ़रवरी को 3:20 बजे बनाया गया था। 27 फ़रवरी की रात को संदेश भेजा गया था। इसी संदेश में मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में विस्फोटक पदार्थ मिलने की ज़िम्मेदारी ली गई थी।
जिस मोबाइल नंबर के माध्यम से इंटरनेट का इस्तेमाल कर टेलीग्राम चैनल बनाया गया था उसकी लोकेशन 'तिहाड़ में/नज़दीक' मिली।
निजी एजेंसी ने यह कहा है कि 28 फ़रवरी को एक अन्य ग्रुप से जैश-उल-हिंद के नाम से मैसेज भेजा गया था जिसमें उसने इस मामले में अपना हाथ होने से इनकार किया था। पुलिस को संदेह है कि इसे देश के बाहर से भेजा गया था।
बता दें कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो एसयूपी कार मिली थी वह मनसुख हिरेन नाम के शख्स की कार थी। उस घटना के बाद मनसुख का शव पाया गया था। शुरुआत में कहा गया कि उन्होंने आत्महत्या की है, लेकिन बाद में हत्या का केस दर्ज कराया गया। इसके बाद इसमें मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के हेड सचिन वजे का नाम जुड़ गया। वह जाँच अधिकारी थे, लेकिन जब आरोप लगने लगे तो उन्हें ट्रांसफ़र कर दिया गया।
अब इस मामले में कुल तीन केस दर्ज हुए हैं और तीनों केस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पहला मामला स्कॉर्पियो कार से विस्फोटक मिलने का है। दूसरा केस स्कॉर्पियो की चोरी का है और तीसरा केस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या का है। हालाँकि एनआईए सिर्फ़ स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटक मामले की जाँच कर रही है।
महाराष्ट्र एटीएस स्कॉर्पियो कार की चोरी और कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या की जाँच कर रही है।
25 फ़रवरी को मुकेश अंबानी के घर के पास स्कॉर्पियो कार लावारिस खड़ी मिली थी जिसकी बाद में जाँच की गई थी तो उस स्कॉर्पियो से 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद की गई थीं। बाद में 5 मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें