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‘कोरोना की नई प्रजाति पहुँची मानव तक, हजार साल में एक बार होता है यह करिश्मा’ 

कोरोना वायरस एक अबूझ पहेली बना हुआ है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस रहस्य की पड़ताल में लगे हुये हैं कि कोरोना कैसे पैदा हुआ? कहाँ से आया और क्यों आया? वैज्ञानिकों की पड़ताल में इस बात पर चर्चा गर्म है कि क्या हज़ार सालों में कभीृ-कभी कोरोना जैसे किसी वायरस का जन्म होता है? क्या चमगादड़ों से यह इंसानों में आया?
कोरोना के रहस्य को जानने में लगे वैज्ञानिकों का कहना है कि चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस में म्यूटेशन हुआ, जिससे वायरस की नई प्रजाति का जन्म हुआ। इस नए किस्म के वायरस ने मानव को संक्रमित किया। इनके मुताबिक़ इस तरह का म्यूटेशन जीव विज्ञान की अनूठी घटना है और ऐसा एक हज़ार साल में एक बार होता है। इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च इस बात की पुष्टि करता है। 
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क्या होता है म्यूटेशन?

बता दें कि फ्रांसीसी वैज्ञानिक ज्यां बैपटिस्ट लामार्क ने 18वीं सदी में जीव के क्रमिक विकास का सिद्धान्त पेश करते हुए कहा था कि जीवों के जीन्स में यकायक बदलाव होता है और नए किस्म के जीव की उत्पत्ति होती है। यह जीव पहले के जीव से अलग होता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा था। 
अब यह माना जा रहा है कि चमगादड़ों में पहले जो वायरस पाया जाता था, वह मानव को संक्रमित नहीं कर सकता था, लेकिन म्यूटेशन पद्धति से नए किस्म का वायरस बना, जो मानव को संक्रमित कर सकता है। 

क्या कहना है आईसीएमआर का?

इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि शोध से पता चलता है कि यह वायरस चमगादड़ से सीधे मनुष्यों तक पहुंचा या वह चमगादड़ से पहले पैंगोलिन तक पंहुचा और पैंगोलिन से मानव तक  पंहुचा। 
पैंगोलिन एक जीव होता है जो सख़्त खोल में ख़ुद को छिपा कर रखता है, यह चीन के कुछ इलाक़ों में बहुतायत से होता है और चीनी इसका मांस खाते हैं। 
आईसीएमआर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर आर. आर. गंगाखेडकर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘चीन में हुए शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस का म्यूटेशन चमगादड़ों में हुआ, जिसने मानव को संक्रमित किया।’ उन्होंने इसके आगे कहा, यह मुमकिन है कि पहले ये चमगादड़ों से पैंगोलिन को मिले हों और वहां से मनुष्यों तक पहुँचे हों। 
रमण गंगाखेडकर ने कहा, ‘कोरोना वायरस के चमगादड़ों से मानव तक पहुँचने की घटना एक हज़ार साल में एक बार होती है। वायरस की स्पेसीज़ बदल जाए, यह अनूठी घटना है।’

चीन पर आरोप

कोरोना के फैलने पर दुनिया का बड़ा हिस्सा चीन को ज़िम्मेदार ठहराता है। ये भी आरोप लगता है कि चीन के वुहान इलाक़े के जिस वेट मार्केट में पैंगोलिन बेचा जाता था, वहां से पूरी दुनिया में यह वायरस फैला।
सबसे पहले अमेरिका और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने यह आरोप लगाया था। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने खुले कहा था कि इन वेट मार्केट्स को कुछ समय के लिए बंद कर देना चाहिए। चीन ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। 

क्या होता है 'वेट मार्केट'?

बता दें कि 'वेट मार्केट' उस बाज़ार को कहा जाता है जहां बड़े पैमाने पर मांस-मछली बेची जाती है। इसे वेट इसलिए कहते हैं कि अमूमन इस तरह के बाज़ार में मरे हुए जानवरों के मांस बिकते हैं, जो बर्फ़ में पैक होते हैं। बर्फ के पिघलने और जानवरों का क़त्ल किए जाने से बहने वाले ख़ून को धोने के लिए बार-बार पानी डाला जाता है, जिस कारण यह बाज़ार हमेशा भींगा रहता है। इसलिए इसे 'वेट मार्केट' कहते हैं। 
हालाँकि, आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के चमगादड़ से मानव तक पहुँचने की कोई घटना का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। डॉक्टर गंगाखेडकर ने कहा : 
‘जब नीपा वायरस का संक्रमण हुआ था, हमने यह पता करने की कोशिश की थी कि क्या यह जानवरों से मनुष्यों तक पहुँच सकता है। हमने शोध में पाया था कि दो तरह के चमगादड़ों में ये वायरस थे, पर वे मनुष्यों को संक्रमित नहीं कर सकते थे।’
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में पूरी दुनिया में 20 लाख से अधिक लोग आ चुके हैं और इससे एक लाख से अधिक लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। ख़ुद चीन में 80 हज़ार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। चीन का कहना है कि उसके यहां संक्रमण की रफ़्तार धीमी हो चुकी है।
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क़मर वहीद नक़वी

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