एनसीबी मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े अब अपने जाति प्रमाण पत्र को सही साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके लिए वह सोमवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दिल्ली कार्यालय पहुँचे। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष के सामने अपने दस्तावेज सौंपे हैं। कुछ दिन पहले भी वानखेड़े दिल्ली आए थे। एक दिन पहले ही यानी रविवार को आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के घर पहुँचे थे।
ये वही समीर वानखेड़े हैं जो क्रूज़ ड्रग्स केस की जाँच की अगुवाई कर रहे हैं और जिसमें शाहरूख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले के आने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े पर कई आरोप लगाए हैं। मलिक ने आरोप लगाया है कि समीर वानखेड़े का जन्म एक मुसलिम परिवार में हुआ था। उन्होंने इसी आधार पर दावा किया है कि वानखेड़े की नौकरी जाएगी क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर ग़लत तरीके से एससी वर्ग के आरक्षण के आधार पर नौकरी ली है। मलिक के अनुसार, यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद आरक्षण के तहत नौकरी पाने के लिए वानखेड़े ने अनुसूचित जाति श्रेणी के प्रमाणपत्र सहित कई फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। हालाँकि वानखेड़े ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
नवाब मलिक ने अपने आरोपों की पुष्टि के लिए समीर वानखेड़े के निकाहनामे को ट्विटर पर पोस्ट किया था और दावा किया था कि वह मुसलिम थे।
हालाँकि, इसको लेकर समीर वानखेड़े की ओर से सफ़ाई दी गई कि उनके पास शादी के दस्तावेज हैं और निकाह की रस्म सिर्फ़ उनकी माँ की इच्छा पूर्ति के लिए निभाई गई थी। इस मामले में निकाह करने वाले काजी ने दावा किया था कि उन्होंने ही वह निकाह कराया था और ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वह मुसलिम थे। बाद में समीर की पहली पत्नी शबाना के पिता ने भी आज तक से बातचीत में दावा किया कि पूरा वानखेड़े परिवार मुसलिम था।
इन आरोपों के बाद से समीर वानखेड़े खुद को अनुसूचित जाति का होने को सिद्ध करने में जुटे हुए हैं।
सोमवार को समीर वानखेड़े के दिल्ली आने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ पारधी ने कहा, 'वह यहाँ आयोग के समक्ष अपना मसला रखने आए। हम उनके दस्तावेजों को देखेंगे और सत्यापित करेंगे।'
एएनआई के अनुसार, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा, 'समीर वानखेड़े द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों का महाराष्ट्र सरकार से सत्यापन किया जाएगा। यदि दस्तावेज वैध पाए गए तो उनके दस्तावेजों के आधार पर उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता।'
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने रविवार को वानखेड़े के समर्थन में कहा था कि अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं और अपने विभाग को गौरवान्वित कर रहे हैं, लेकिन एक मंत्री उनके तथा उनके परिवार के सदस्यों पर निजी हमले कर रहे हैं। हलदर वानखेड़े के मुंबई स्थित आवास पर भी गए थे।
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