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गैस लीक: एनजीटी ने एलजी पॉलीमर्स पर लगाया 50 करोड़ का जुर्माना, केंद्र से मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने विशाखापटनम में हुए गैस लीक हादसे को लेकर एलजी पॉलीमर्स कंपनी पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही एनजीटी ने एक जांच कमेटी भी बनाई है। 

कमेटी को 18 मई से पहले अपनी रिपोर्ट देनी होगी और इसमें यह बताना होगा कि गैस कैसे लीक हुई और इस हादसे के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं। यह हादसा गुरुवार सुबह हुआ था और गैस लीक होने से 11 लोगों की मौत हो गई थी। 

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बेंच की अध्यक्षता कर रहे एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने एलजी पॉलीमर्स से कहा कि वह विशाखापटनम के जिलाधिकारी के पास जुर्माने की शुरुआती राशि जमा करा दे। उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है। 

बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘ऐसा लगता है कि नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। इतनी बड़ी मात्रा में गैस के लीक होने से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बेहद ख़राब प्रभाव पड़ा है।’ 

एलजी पॉलीमर्स कंपनी में स्टाइरीन गैस का रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई थी। मारे गए लोगों के अलावा आस-पास के गांवों में रह रहे सैकड़ों लोगों पर इस गैस रिसाव का बेहद ख़राब असर हुआ है और कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

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एनजीटी ने जो जांच कमेटी बनाई है, उसमें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी. शेषासयाना रेड्डी, आंध्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वी. रामा चंद्रा मूर्ति के अलावा कई प्रमुख लोग शामिल हैं। 

एनजीटी ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। गैस लीक का यह हादसा तब हुआ जब लॉकडाउन के बाद प्लांट को फिर से शुरू किया जा रहा था। गैस लीक होते ही कई लोग सड़कों पर गिर पड़े और जान बचाने के लिए बदहवास होकर इधर-इधर भागने लगे। 

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क़मर वहीद नक़वी

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