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अमरोहा में फिर एनआईए के छापे, पाँच ठिकानों पर कार्रवाई

आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में एनआईए अमरोहा में फिर से छापेमारी कर रही है। फ़िलहाल न तो किसी की गिरफ़्तारी और न ही सामान जब्त किए जाने की ख़बर है। पिछले हफ़्ते ही छह जगहों पर छापेमारी को लेकर यह कार्रवाई की जा रही है। जाँच एजेंसी ने पिछले हफ़्ते 10 लोगों को गिरफ़्तार करने और भारी मात्रा में हथियार बरामद करने के दावे किए थे। हालाँकि बाद में सामान बरामदगी की प्रमाणिकता पर सवाल उठने लगे। तब से ही एजेंसी आरोपियों के ख़िलाफ़ सबूत इकट्ठे करने में जुटी है।

साल के पहले दिन एनआईए भारी दस्ते के साथ अमरोहा में पहुँची। पाँचों ठिकानों पर छापे के दौरान लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। फ़िलहाल एनआईए की तरफ़ से इस मामले में कोई बयान नहीं जारी किया गया है। 

पिछली कार्रवाई पर उठे थे सवाल

एनआईए ने पिछले हफ़्ते ही बुधवार को देश में आत्मघाती हमले की तैयारियों की साज़िश को नाकाम करने का दावा करते हुए छह जगहों पर छापामारी करके दस लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार किए गए संदिग्धों के परिवार वालों ने एनआईए के तमाम दावों को झूठा करार दिया है। उनका दावा है कि 8 घंटे की तलाशी के बावजूद एनआईए को उनके घर से कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। परिवार वालों का कहना है कि तलाशी के बाद ख़ुद एनआईए के अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि उनके यहाँ से कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि एनआईए ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इतने बड़े पैमाने पर हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी कहाँ से दिखाई है।
यहाँ पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट: एनआईए के खुलासे पर संदेह क्यों?

एनआईए के दावे

पिछले हफ़्ते कार्रवाई के बाद से ही एनआईए का दावा है कि गिरफ़्तार करके जेल भेजे गए सभी युवक आईएसआईएस के लिए काम करने वाले अबू हुज़ैफ़ा के संपर्क में थे। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक़, अबू हुज़ैफ़ा सोशल मीडिया पर भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलिम नौजवानों से संपर्क करके उन्हें पहले उनका ब्रेनवाश करता है और धीरे-धीरे उन्हें आईएसआईएस में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक़ अबू हुज़ैफ़ा पाकिस्तानी है और पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम करता है। आईएसआईएस में भर्ती करने का काम करता है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक़ यह गिरफ़्तार किए गए सभी संदिग्ध वॉट्सएप और टेलीग्राम एप के ज़रिये अबू हुज़ैफ़ा के संपर्क में थे।

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क़मर वहीद नक़वी

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