वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। तिलहन, दलहन, आलू आदि जैसे खाने के सामानों को इससे नियंत्रण मुक्त किया जाएगा। कृषि बाज़ारों में सुधार के लिए सरकार क़ानून भी बनाएगी। वित्त मंत्री ने कहा है कि इन सुधारों से किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की निश्चित आय, जोखिम रहित खेती और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक क़ानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे किसानों का उत्पीड़न रुकेगा और किसानों के जीवन में सुधार आएगा।
निर्मला सीतारमण शुक्रवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में कृषि, पशुपालन, मछली पालन, डेयरी उद्योग के लिए क्या है, इस बारे में बता रही थीं। इससे पहले दो अलग-अलग दिनों में वह इस पैकेज में मज़दूरों, किसानों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई के लिए सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों के बारे में बता चुकी हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि फ़िलहाल किसान केवल कृषि उपज मंडी समिति में लाइसेंस प्राप्त करने वाले को अपनी उपज बेचने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण बाज़ारों में कृषि उपज के मुक्त प्रवाह में बाधा आई और आपूर्ति शृंखला बाधित हुई। किसानों को भी कम क़ीमत मिली।
उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय क़ानून किसानों को आकर्षक क़ीमत पर अपनी उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प देकर 'बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार' का संचालन करने और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग का उपयोग करने में मदद करेगा।
बता दें कि इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि कृषि के क्षेत्र में इंफ़्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। भंडारण, आपूर्ति की सुविधा के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। लोकल उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाएँगे। इसके साथ ही उन्होंने मत्स्य पालन, पशुपालन और मधुमक्खी पालन के लिए भी घोषणाएँ की हैं।
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