भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच मंगलवार को 12 घंटे से ज़्यादा चली बातचीत के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका। यह बातचीत चुशुल इलाक़े में हुई। इससे पहले भी दोनों देशों के कमांडर्स के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन वे भी बेनतीजा ही रही हैं। कुल मिलाकर पूर्वी लद्दाख में अभी भी तनाव का माहौल है।
‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, बातचीत के दौरान भारत ने चीन के नए दावों को लेकर चिंता जताई और मई से पहले वाली स्थिति बहाल करने के लिए कहा। भारत ने फिर कहा कि पैंगोंग त्सो के फ़िंगर 8 तक का इलाक़ा उसका है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने बातचीत को लेकर लिखा है कि भारतीय सेना अब ख़ुद को लंबी दौड़ के लिए तैयार कर रही है और यह विवाद जाड़ों के मौसम तक खिंच सकता है। 22 जून को दोनों देशों के कमांडर्स के बीच हुई बैठक के बाद संघर्ष वाले इलाक़ों में सैनिकों की तैनाती में थोड़ी सी कमी आई है।
भारत लगातार पुरानी स्थिति बहाल करने की बात कहता रहा है। लेकिन शातिर ड्रैगन ने अचानक से ही गलवान घाटी पर अपना हक़ जता दिया है और भारत कई बार कह चुका है कि वह उसका यह दावा अस्वीकार्य है।
इस तरह की ख़बरें आ चुकी हैं कि चीन देपसांग, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग के इलाक़ों से पीछे हटने की पेशकश कर पेंगोंग त्सो झील के फिंगर-4 और फ़िंगर-8 पर अपना कब्जा करने की फिराक में है और यह बात अब काफी हद तक साफ भी हो चुकी है।
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच बीते कई दिनों से भारत ने बॉर्डर पर अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। भारत के लड़ाकू विमान सुखोई, मिग, अपाचे और चिनूक सीमा पर लगातार उड़ान भर रहे हैं।
इसके अलावा भारत अपने मारक योद्धा भीष्म टैंक सहित युद्ध में दुश्मन की सांसें उखाड़ देने वाले बाक़ी साजो-सामान और जवानों को भी सीमा पर तैनात कर रहा है। भारत-चीन सीमा विवाद पर देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो -सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार भारत
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के ही मुताबिक़, भारत सरकार में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि ड्रैगन के साथ बातचीत तो जारी रहनी चाहिए लेकिन ज़रूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए। भारत सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत में शामिल रहे एक शीर्ष अधिकारी ने अख़बार से कहा, ‘हम टकराव को बढ़ाना नहीं चाहते लेकिन हम चीन के सामने झुकेंगे नहीं। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम उनका मुकाबला करेंगे।’
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