सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में गला घोंट कर मारने के दावे पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान यानी एम्स पैनल के प्रमुख ने कहा है कि सुशांत की आत्महत्या या हत्या पर अभी कोई राय नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा है कि यह पता लगाना जब डॉक्टरों के लिए मुश्किल हो रहा है कि वह आत्महत्या थी या हत्या तो आम लोगों द्वारा सिर्फ़ घटना को देखकर यह कहना लगभग असंभव है। एम्स पैनल के प्रमुख की प्रतिक्रिया सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह के उस दावे पर आयी है जिसमें उन्होंने कहा था कि सुशांत को गला घोंटकर मारा गया था न कि उन्होंने आत्महत्या की है।
विकास सिंह ने गला घोंटे जाने का दावा एम्स के डॉक्टर के हवाले से किया है, लेकिन उन्होंने किसी डॉक्टर का नाम नहीं बताया है। उन्होंने केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई की इस पूरी जाँच प्रक्रिया पर सवाल उठाए और कहा कि वह इस मामले में देरी से निराश हैं।
सुशांत सिंह के परिवार के वकील विकस सिंह ने ट्वीट किया, 'सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को हत्या में बदलने का फ़ैसला लेने में सीबीआई की देरी से निराश हूँ। एम्स टीम का हिस्सा रहे डॉक्टर ने मुझे बहुत पहले ही बता दिया था कि मेरे द्वारा भेजी गई तसवीरें 200% बताती हैं कि इसकी मौत गला घोंटने से हुई, आत्महत्या से नहीं।'
Getting frustrated by the delay in CBI taking a decision to convert abetment to suicide to Murder of SSR. The Doctor who is part of AIIMS team had told me long back that the photos sent by me indicated 200% that it’s death by strangulation and not suicide.
— Vikas Singh (@vikassinghSrAdv) September 25, 2020
इस आरोप पर प्रतिक्रिया में एम्स पैनल के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने सफ़ाई दी। टाइम्स नाउ से बातचीत में डॉ. सुधीर गुप्ता ने फोरेंसिक जाँच और उसकी व्याख्या का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा, 'आत्महत्या या हत्या का कोई निष्कर्ष या राय घटना के दृश्य और जुड़े हुए मार्क्स यानी निशान को देखकर नहीं बनायी जा सकती है। यह डॉक्टरों के लिए मुश्किल है और सामान्य लोगों के लिए तो लगभग असंभव है।' उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी तरह से आंतरिक जुड़ाव के विवेक और फोरेंसिक व्याख्या की ज़रूरत है।
बता दें कि हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के कारणों की जाँच करने वाली एम्स की फ़ोरेंसिक टीम और सीबीआई के बीच बैठक को अज्ञात कारणों से स्थगित कर दिया गया था।
इन्हीं सब घटनाक्रमों के बीच सुशांत के परिवार के वकील ने गला घोंटने वाले दावे किए हैं। उनके इस दावे को लेकर सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने भी रीट्वीट किया। उन्होंने रीट्वीट के साथ लिखा, 'हम इतने समय से इतने धैर्यवान हैं! सच्चाई का पता लगाने में कितना समय लगेगा?'
We have been so patient for so long! How long will it take to find the truth? #SSRDeathCase https://t.co/Vn5R62a0SY
— Shweta Singh Kirti (@shwetasinghkirt) September 25, 2020
बता दें कि पुलिस के अनुसार, 34 वर्षीय सुशांत ने आत्महत्या कर ली थी। वह 14 जून को मुंबई के बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में तब नया मोड़ आ गया जब उनके पिता ने पटना में सुशांत की गर्लफ़्रेंड रिया चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करा दी। सुशांत के परिवार ने रिया के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने, आर्थिक ठगी करने और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया।
इसके बाद इस मामले में तीन एजेंसियाँ जाँच में जुटीं- सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और बाद में एनसीबी भी। ये एजेंसियाँ अभी तक न तो आर्थिक गड़बड़ी और न ही आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कोई सबूत सामने रख पाई हैं। हालाँकि इसमें ड्रग्स एंगल का मामला ज़रूर जोड़ दिया गया। 59 ग्राम मरिजुआना मिलने के बाद रिया चक्रवर्ती को गिरफ़्तार किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस मामले में तब एक नया मोड़ आ गया जब कई रिपोर्टों में कहा गया कि सुशांत सिंह राजपूत एंग्जायटी, पैनिक डिसऑर्डर जैसे मेंटल हेल्थ का उपचार करा रहे थे।
इस मामले में एक वाट्सऐप चैट सामने आई। यह वाट्सऐप चैट सुशांत और उनकी बहन प्रियंका के बीच की थी। इस चैट में प्रियंका एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी बीमारियों की बात कह रही थीं और दवाइयों के नुस्खे भी दे रही थीं। ये वे दवाइयाँ हैं जो एंग्जायटी, पैनिक डिसऑर्डर जैसे मेंटल हेल्थ के उपचार में काम आती हैं।
वह वाट्सऐप चैट पटना में दर्ज कराई गई उस एफ़आईआर के विपरीत है जिसमें सुशांत राजपूत के पिता ने दावा किया है कि उन्हें अपने बेटे के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसमें उनके पिता ने यह भी दावा किया कि उनके परिवार की जानकारी के बिना उनका इलाज किया गया था। तब से सुशांत का परिवार लगातार यह दावा करता रहा है कि उन्हें सुशांत के किसी भी मानसिक बीमारी से पीड़ित होने की कोई जानकारी नहीं है।
हालाँकि सुशांत सिंह राजपूत के इस पूरे मामले में उनकी मौत के तीन महीने बाद भी कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
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